मुस्लिम मुल्‍क में ओवैसी ने दिखाया रौद्र रूप, शहबाज-मुनीर की बखिया उधेड़ दी!

    ओवैसी ने कहा कि आतंकवादी संगठन कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं और बेगुनाहों की हत्या को जायज़ ठहराने की कोशिश करते हैं.

    Owaisi in Muslim country tore apart Shehbaz Munir
    ओवैसी | Photo: ANI

    भारत अब आतंकवाद के मसले पर सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस अंतरराष्ट्रीय रणनीति के तहत पाकिस्तान की पोल खोलने में जुट गया है. हाल ही में भारत ने 7 मल्टी-पार्टी संसदीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भेजे हैं, जिनका मकसद वैश्विक समुदाय को यह दिखाना है कि पाकिस्तान किस तरह आतंकवाद को संरक्षण देता है और दुनिया को खतरे में डालता है.

    इन्हीं प्रयासों के तहत, भाजपा नेता बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बहरीन की राजधानी मनामा पहुंचा, जिसमें एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं. वहां एक सार्वजनिक मंच से ओवैसी ने न सिर्फ पाकिस्तान के दोहरे चरित्र पर हमला बोला, बल्कि इस्लाम और कुरान के हवाले से आतंकवाद को धर्म से जोड़ने की प्रवृत्ति को भी खारिज कर दिया.

    ओवैसी ने मंच से दिया दो टूक संदेश

    ओवैसी ने कहा कि आतंकवादी संगठन कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं और बेगुनाहों की हत्या को जायज़ ठहराने की कोशिश करते हैं, जो इस्लाम के मूल संदेश के खिलाफ है. उन्होंने जोर देते हुए कहा, "एक निर्दोष की हत्या पूरी मानवता की हत्या के समान है – यही कुरान का संदेश है. पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर आतंक को बढ़ावा देकर खुद को भी धोखा दे रहा है."

    पाकिस्तान को मिली सीधी चेतावनी

    भारत ने न सिर्फ कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरा, बल्कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए सीधा सैन्य संदेश भी दिया. 6 और 7 मई की मध्यरात्रि को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया. यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे.

    इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि भारत ने पहली बार 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान के भीतर इतने गहरे तक हमला किया. वायुसेना ने सटीकता के साथ लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को नष्ट किया.

    भारत की रणनीतिक संयम की मिसाल

    किंग्स कॉलेज लंदन के रक्षा विशेषज्ञ डॉ. वाल्टर लैडविग ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सैन्य शक्ति का सटीक और सोच-समझकर किया गया प्रदर्शन था. NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत ने अत्यंत संयम के साथ कार्रवाई की, जिससे स्पष्ट संदेश गया कि भारत आतंक के खिलाफ कार्रवाई करेगा, लेकिन युद्ध नहीं चाहता.”

    उन्होंने यह भी कहा कि दो परमाणु संपन्न देशों के बीच ऐसे हवाई हमलों का यह पहला उदाहरण है और इससे भारत की रणनीतिक सोच, सटीक हमले की क्षमता और जवाबदेही भी साबित होती है.

    पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत की मजबूत छवि

    इस पूरी रणनीति के पीछे भारत का स्पष्ट उद्देश्य है – वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के संरक्षक के रूप में उजागर करना और दुनिया को दिखाना कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने वाला नहीं, बल्कि सक्रिय नीति के साथ आतंक के खिलाफ नेतृत्व करने वाला देश है.

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