क्या है "ऑर्डर ऑफ ओमान", जिससे सम्मानित होने वाले पहले भारतीय पीएम बने नरेंद्र मोदी? जानें क्यों है ये खास

    Order of Oman Award: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय कद में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है. गुरुवार को ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से सम्मानित किया.

    Order of Oman which Narendra Modi became the first Indian PM to be honored
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    Order of Oman Award: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय कद में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है. गुरुवार को ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से सम्मानित किया. यह सम्मान मस्कट स्थित अल बराका पैलेस में एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया गया. यह सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और कूटनीतिक प्रयासों की मान्यता नहीं है, बल्कि भारत और ओमान के बीच दशकों पुराने रिश्तों की मजबूती का भी प्रतीक है.

    ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ ओमान सल्तनत का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान माना जाता है. इसकी तुलना भारत के ‘भारत रत्न’ से की जा सकती है. यह सम्मान उन विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, राजाओं, राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों को दिया जाता है, जिन्होंने ओमान के साथ दोस्ताना संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई हो. इसे पाना किसी भी वैश्विक नेता के लिए असाधारण गौरव की बात मानी जाती है.

    सम्मान की शुरुआत और इतिहास

    इस सम्मान की स्थापना वर्ष 1970 में ओमान के प्रसिद्ध सुल्तान काबूस बिन सईद ने की थी. उनका उद्देश्य था कि ओमान के सच्चे मित्र देशों के शीर्ष नेताओं को विशेष सम्मान दिया जाए. तभी से यह परंपरा चली आ रही है और इसे बहुत ही चुनिंदा और विशिष्ट व्यक्तियों को ही प्रदान किया जाता है.

    कौन देता है यह सम्मान

    ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ देने का फैसला किसी सरकारी समिति या मंत्रालय द्वारा नहीं किया जाता. इसका निर्णय स्वयं ओमान के सुल्तान लेते हैं. वर्तमान में यह अधिकार सुल्तान हैथम बिन तारिक के पास है. उनके द्वारा दिया गया यह सम्मान सुल्तान की ओर से सर्वोच्च आदर और सम्मान का प्रतीक माना जाता है.

    आम लोगों के लिए नहीं है यह सम्मान

    यह सम्मान आम नागरिकों के लिए नहीं होता. इसकी सर्वोच्च श्रेणी केवल दुनिया के सबसे बड़े नेताओं के लिए आरक्षित है. इसमें किसी देश के राजा, राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ही शामिल हो सकते हैं. यही वजह है कि इसे वैश्विक राजनीति में अत्यंत दुर्लभ और विशिष्ट सम्मान माना जाता है.

    सम्मान की श्रेणियां

    ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ मुख्य रूप से दो श्रेणियों में दिया जाता है—सिविल और मिलिट्री. सिविल श्रेणी राजनैतिक नेतृत्व के लिए होती है, जबकि मिलिट्री श्रेणी सैन्य अधिकारियों को दी जाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो सम्मान मिला है, वह सिविल कैटेगरी की सर्वोच्च यानी प्रथम श्रेणी का सम्मान है.

    पीएम मोदी को क्यों मिला यह सम्मान

    प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत और ओमान के संबंधों में नई ऊर्जा देखने को मिली है. दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहयोग और सुरक्षा से जुड़े रिश्ते मजबूत हुए हैं. खाड़ी क्षेत्र में भारत की रणनीतिक भूमिका को भी ओमान ने खुले तौर पर सराहा है. इन्हीं प्रयासों और आपसी विश्वास को सम्मान देते हुए सुल्तान ने प्रधानमंत्री मोदी को यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया.

    भारतीय नेतृत्व के लिए ऐतिहासिक पल

    प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए नरेंद्र मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय नेता बन गए हैं. इससे पहले भारत के किसी भी प्रधानमंत्री को ओमान का यह सर्वोच्च सम्मान नहीं मिला था. यह उपलब्धि न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के लिए, बल्कि भारत के लिए भी गर्व का विषय है.

    विश्व की महान हस्तियां भी रह चुकी हैं सम्मानित

    ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से दुनिया की कई महान हस्तियों को नवाजा जा चुका है. इनमें ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला और जापान के सम्राट जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं. अब प्रधानमंत्री मोदी का नाम भी इसी विशिष्ट सूची में दर्ज हो गया है.

    ओमान और अन्य देशों के रिश्तों का प्रतीक

    ओमान अपने पड़ोसी देशों सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के शासकों को भी इस सम्मान से नवाज चुका है. यह सम्मान क्षेत्रीय भाईचारे और मजबूत रिश्तों का प्रतीक माना जाता है. भारत को यह सम्मान मिलना इस बात का संकेत है कि ओमान भारत को भी अपने बेहद करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में देखता है.

    सम्मान समारोह का भव्य आयोजन

    यह सम्मान ओमान की राजधानी मस्कट में स्थित शाही महल अल बराका पैलेस में प्रदान किया गया. समारोह में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद रहे. सुल्तान हैथम बिन तारिक ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को यह अलंकरण पहनाया.

    सम्मान में क्या-क्या शामिल होता है

    ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ तीन प्रमुख हिस्सों से मिलकर बना होता है. इसमें एक भव्य गले का हार होता है, जो सोने की मजबूत चेन से बना होता है. इसके साथ एक सितारा दिया जाता है, जिसे छाती के बाईं ओर लगाया जाता है. इसके अलावा एक विशेष पट्टा या सैश होता है, जो कंधे से कमर तक पहना जाता है.

    स्टार और मेडल की खास बनावट

    इस सम्मान का स्टार छह कोनों वाला होता है और उस पर सफेद चमकदार परत चढ़ी होती है. इसके बीच में उभरा हुआ गुंबदनुमा डिजाइन होता है, जो रोशनी में बेहद आकर्षक दिखता है. मेडल पर ओमान की सांस्कृतिक पहचान झलकती है, जिसमें चांद का प्रतीक और राष्ट्रीय निशान, दो तलवारें और एक खंजर, उकेरे गए होते हैं.

    मेडल के केंद्र में क्या लिखा होता है

    मेडल के बीच एक गोलाकार हिस्सा होता है, जिस पर अरबी भाषा में सुंदर लेखन किया गया होता है. इसमें आमतौर पर ओमान सल्तनत या सुल्तान का नाम अंकित होता है. इसके चारों ओर कीमती पत्थरों की सजावट इसे और भी शाही रूप देती है.

    पट्टे के रंगों का महत्व

    इस सम्मान के साथ मिलने वाला पट्टा लाल रंग का होता है, जिसके किनारों पर हरी धारियां बनी होती हैं. यह रंग ओमान के राष्ट्रीय ध्वज से लिए गए हैं. लाल रंग देश के इतिहास, साहस और संघर्ष का प्रतीक है, जबकि हरा रंग वहां की हरियाली, पहाड़ों और समृद्धि को दर्शाता है.

    भारत-ओमान रिश्तों की नई ऊंचाई

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सिर्फ एक व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि यह भारत और ओमान के बीच गहरे, भरोसेमंद और दीर्घकालिक रिश्तों की पुष्टि करता है. यह सम्मान आने वाले समय में दोनों देशों के सहयोग को और मजबूत करने की नींव भी रखता है.

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