नई दिल्लीः सुबह की शुरुआत आमतौर पर चाय की चुस्की और अखबार के पन्नों से होती है, लेकिन आज का दिन कुछ अलग था. जैसे ही लोग जागे, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर एक ही खबर की गूंज थी—भारतीय सेना का बड़ा प्रहार. पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमला हुआ था. इस कार्रवाई को नाम दिया गया था—‘ऑपरेशन सिंदूर’. देशवासियों के मन में लंबे समय से पल रहा जवाबी कार्रवाई का विश्वास अब हकीकत बन चुका था.
शौर्य की कहानी, महिला अधिकारियों की जुबानी
भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन की जानकारी एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए साझा की, जिसमें दो महिला अधिकारियों को सामने लाया गया—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह. ये सिर्फ एक ब्रीफिंग नहीं थी, बल्कि उन आतंकी संगठनों के मुंह पर करारा तमाचा थी जो धार्मिक आधार पर निर्दोषों की हत्या कर रहे थे.
इन अधिकारियों ने बताया कि भारत ने न केवल पीओके में मौजूद पांच प्रमुख आतंकी कैंपों को निशाना बनाया, बल्कि पाकिस्तान के अंदर जैश और लश्कर के चार बड़े अड्डों को भी तबाह कर दिया. यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक स्पष्टता और साहसिक नेतृत्व का प्रतीक था.
सिंदूर से जोड़ा संदेश
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम अपने आप में एक गहरा संदेश लिए हुए है. सिंदूर, जो भारतीय स्त्रियों की संस्कृति और सुहाग का प्रतीक है, उसी नाम से आतंकवादियों के खात्मे की कार्रवाई करना भारत की ओर से एक प्रतीकात्मक और भावनात्मक जवाब था. उन हाथों पर करारा प्रहार था जिन्होंने पहलगाम में महिलाओं के सामने उनके परिजनों को मौत के घाट उतारा.
सरकार ने इस नाम के ज़रिए एक और स्पष्ट संदेश भी दिया—हमारे देश में हिन्दू-मुसलमान का फर्क नहीं, यहां हर भारतीय की देशभक्ति पर गर्व है. पाकिस्तान को भी यह स्पष्ट कर दिया गया कि वह भारत की एकता और विविधता को कभी नहीं तोड़ सकता.
एक मां की आँखों से निकले आंसू
इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकी ढांचों को नेस्तनाबूद किया, बल्कि उन परिवारों के दिलों को भी थोड़ी राहत दी जो हालिया हमलों में अपनों को खो चुके थे. एक शहीद की मां ने भावुक होकर कहा—"इस ऑपरेशन का नाम सुनकर मेरे आंसू निकल आए, यह मेरे बेटे को तो वापस नहीं ला सकता, लेकिन यह बताता है कि देश उसका बलिदान नहीं भूला."
नारी शक्ति और राष्ट्र की ताकत का संगम
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य मिशन नहीं था, यह भारतीय नारी शक्ति, संस्कृति और राष्ट्र की एकजुटता का प्रतीक बन गया. यह उस मजबूत भारत की तस्वीर है, जो ना केवल हमलों का जवाब देना जानता है, बल्कि अपने प्रतीकों और मूल्यों को भी दुनिया के सामने गर्व से प्रस्तुत करता है.
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