Operation Sindoor: भारतीय सेना ने बुधवार की सुबह एक सर्जिकल सटीकता वाले अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया, जिसने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब दिया. इस मिशन में पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया गया, और बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की खबर है.
इस खास अभियान की सबसे अहम बात थी इसका टेक्नोलॉजी-ड्रिवन एक्सेक्यूशन—भारतीय सेना ने पहली बार बड़े पैमाने पर Loitering Munition Systems यानी कामिकेज़ ड्रोन का इस्तेमाल किया.
स्काईस्ट्राइकर बना 'शस्त्र का भविष्य'
इस ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया ‘स्काईस्ट्राइकर’ एक सुसाइड ड्रोन है जो दुश्मन के ठिकानों को पहचान कर खुद को विस्फोट से उड़ा देता है. इसे बैंगलोर स्थित अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज और इजरायल की एल्बिट सिस्टम्स के सहयोग से विकसित किया गया है. सेना ने 2021 में इन ड्रोन सिस्टम्स का 100 यूनिट से ज्यादा का ऑर्डर दिया था. यह तकनीक अब भारतीय सेना के सबसे आधुनिक और मारक हथियारों में शुमार हो चुकी है.
Loitering Munition की खासियतें: क्यों हैं ये गेमचेंजर?
Loitering Munition Systems की मदद से अब सेना सीधे 'सेंसर-टू-शूटर' ऑपरेशंस को अंजाम दे सकती है. इसका मतलब है कि जैसे ही दुश्मन की मौजूदगी की जानकारी मिलती है, तुरंत उस पर हमला किया जा सकता है. ये ड्रोन न सिर्फ दुश्मन को निशाना बनाते हैं बल्कि स्पेशल फोर्सेज और सैनिकों को रियल टाइम इंटेलिजेंस भी मुहैया कराते हैं, जिससे वे पहले से ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी हो जाते हैं.
UAS की नई परिभाषा: स्काईस्ट्राइकर – 'उड़े जैसे प्लेन, मारे जैसे मिसाइल'
स्काईस्ट्राइकर असल में एक Unmanned Aerial System (UAS) है, जो पूरी तरह से बिना पायलट के चलता है. एल्बिट कंपनी के मुताबिक, यह एक शांत, अदृश्य और अचानक हमला करने वाला हथियार है, जो सटीकता के साथ दुश्मन को नेस्तनाबूद करता है.
ऑपरेशन सिंदूर' का संदेश साफ है
भारतीय सेना ने यह साफ कर दिया है कि अब युद्ध की परिभाषा बदल चुकी है—यह सिर्फ ताकत की नहीं, बल्कि तकनीक की लड़ाई भी है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक जवाब नहीं था, यह भविष्य की हाई-टेक वॉरफेयर स्ट्रैटेजी का प्रदर्शन था.
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