नई दिल्ली: भारत ने 6-7 मई की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित एयर स्ट्राइक की. इस अभियान में भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों द्वारा अत्याधुनिक SCALP-EG क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया, जिसने गहराई में स्थित ठिकानों को भी सटीकता से निष्प्रभावी किया.
SCALP-EG: एक रणनीतिक विकल्प
SCALP-EG (Storm Shadow) एक लंबी दूरी की एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल है, जिसे फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा विकसित किया गया है. भारत ने इसे अपने राफेल फ्लीट के हिस्से के रूप में अधिग्रहित किया है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इस मिसाइल का चयन कुछ प्रमुख रणनीतिक विशेषताओं के चलते किया गया:
1. स्टेल्थ क्षमताएं: रडार पकड़ नहीं सके
SCALP का एयरोडायनामिक प्रोफाइल और रडार-अवशोषित बाहरी ढांचा इसे दुश्मन की रडार निगरानी से बचाता है. इसका निम्न इंफ्रारेड सिग्नेचर और कम रडार क्रॉस सेक्शन इसे प्रभावी रूप से अदृश्य बनाता है, जिससे लक्ष्य तक पहुंचने से पहले इसकी पहचान करना मुश्किल होता है.
2. लंबी दूरी से सटीक प्रहार
SCALP मिसाइल को 500 किलोमीटर की दूरी से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे लड़ाकू विमान को दुश्मन के वायुक्षेत्र में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होती. इससे ऑपरेशन की सुरक्षा और रणनीतिक लाभ दोनों सुनिश्चित होते हैं.
3. उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली
इस मिसाइल की सटीकता इसकी चार-स्तरीय नेविगेशन प्रणाली पर आधारित है:
इस प्रणाली के चलते SCALP मिसाइल बंकर, सुरंगों और चलायमान लक्ष्यों को भी अचूकता से भेद सकती है.
4. संरक्षित ठिकानों पर भी गहराई तक प्रभाव
SCALP का दो-चरणीय वारहेड पहले सतह पर सुरंग या कंक्रीट की दीवार में छेद करता है और फिर भीतर मौजूद प्रणाली या मानव संसाधनों को नष्ट करता है. यह विशेषता इसे जमीन के नीचे बने आतंकवादी ठिकानों के लिए विशेष रूप से प्रभावी बनाती है.
HAMMER बॉम्ब ने तबाह किए ठिकाने
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान SCALP मिसाइल के साथ-साथ HAMMER (Highly Agile Modular Munition Extended Range) बम प्रणाली का भी उपयोग किया गया. यह एक किट-बेस्ड गाइडेड बम प्रणाली है, जो पारंपरिक बमों को सटीक, रॉकेट-संचालित हथियारों में परिवर्तित कर देती है.
HAMMER प्रणाली की मदद से वायुसेना को कम लागत में उच्च-सटीकता वाले हमलों की क्षमता मिलती है. यह प्रणाली विशेषकर छोटे या गतिशील लक्ष्यों पर हमले के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
राफेल फाइटर जेट्स की भूमिका
भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ किए गए समझौते के तहत 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे थे. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इन्हीं विमानों का उपयोग किया गया, जिनमें से कई SCALP और HAMMER से लैस थे.
हाल ही में भारत ने फ्रांस के साथ नौसेना के लिए 63,000 करोड़ रुपये की लागत से 26 मरीन राफेल विमान खरीदने का निर्णय लिया है. ये विमान INS विक्रांत जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर तैनाती के लिए डिजाइन किए गए हैं और इन्हें न्यूक्लियर स्ट्राइक कैपेबल भी माना जा रहा है.
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