आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में अग्रणी कंपनी OpenAI अब भारत में अपनी मौजूदगी को आधिकारिक रूप देने जा रही है. 22 अगस्त को कंपनी ने यह घोषणा की कि वह साल 2025 के अंत तक देश की राजधानी नई दिल्ली में अपना पहला ऑफिस शुरू करेगी. इस घोषणा को भारत के लिए एक बड़ी टेक्नोलॉजिकल उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह न केवल देश में एआई को लेकर बढ़ते उत्साह की पुष्टि करता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि भारत वैश्विक स्तर पर AI अपनाने और नवाचार का एक नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है.
भारत में क्यों खोला जा रहा है OpenAI का ऑफिस?
OpenAI ने साफ किया है कि भारत उसके लिए केवल एक बड़ा मार्केट नहीं, बल्कि एक अहम रणनीतिक साझेदार भी है. कंपनी के अनुसार, भारत यूजर्स के लिहाज से अमेरिका के बाद OpenAI का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है और यहां के उपयोगकर्ता तेजी से AI टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं.
पिछले एक साल में ही भारत में ChatGPT के साप्ताहिक एक्टिव यूजर्स की संख्या 4 गुना से भी ज्यादा हो गई है. यही नहीं, भारत OpenAI के डेवलपर नेटवर्क में टॉप-5 देशों में शामिल हो चुका है, और दुनिया भर में ChatGPT को इस्तेमाल करने वाले स्टूडेंट्स में सबसे अधिक संख्या भारतीय छात्रों की है.
दिल्ली में ऑफिस, लेकिन फोकस पूरे भारत पर
हालांकि OpenAI ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि नई दिल्ली में उसका ऑफिस किस स्थान पर स्थित होगा, लेकिन यह जरूर बताया गया है कि भारत में कंपनी अब एक आधिकारिक कानूनी इकाई (Legal Entity) बन चुकी है.
इसके साथ ही कंपनी ने देश में स्थानीय टीम की हायरिंग भी शुरू कर दी है, जो सरकार, डेवलपर्स, संस्थानों, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संगठनों के साथ मिलकर काम करेगी. OpenAI का मकसद न सिर्फ अपने उत्पादों को भारत के अनुरूप बनाना है, बल्कि स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए AI टूल्स को व्यवहारिक रूप में इस्तेमाल करना भी है.
CEO सैम ऑल्टमैन का भारत को लेकर क्या कहना है?
OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने भारत में कंपनी की विस्तार योजना को लेकर गहरी आशा जताई है. उन्होंने कहा, "भारत में AI को लेकर जो उत्साह और अवसर हैं, वे वाकई अविश्वसनीय हैं. देश में टेक्नोलॉजी टैलेंट की कोई कमी नहीं है, और यहां का डेवलपर इकोसिस्टम भी वर्ल्ड-क्लास है. साथ ही भारत सरकार का AI को लेकर जो दृष्टिकोण है, वह भी अत्यंत प्रगतिशील है. ऐसे में भारत एक वैश्विक एआई लीडर बनने की पूरी क्षमता रखता है."
यह बयान न केवल भारत की संभावनाओं को दर्शाता है, बल्कि यह भी साफ करता है कि OpenAI भारत को सिर्फ एक मार्केट नहीं, बल्कि एक इनोवेशन हब के रूप में देखता है.
भारत में AI का बढ़ता उपयोग और OpenAI की भूमिका
OpenAI के टूल्स और प्लेटफॉर्म पहले से ही भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में उपयोग किए जा रहे हैं. AI-पावर्ड एग्रीकल्चर सॉल्यूशन, रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म्स, गवर्नेंस टूल्स और एजुकेशनल टेक्नोलॉजी में ChatGPT और अन्य OpenAI मॉडल्स का इस्तेमाल अब आम होता जा रहा है.
कई राज्य सरकारें और निजी संस्थान OpenAI की तकनीक को अपनी जरूरतों के अनुरूप कस्टमाइज़ कर रहे हैं, जिससे पारंपरिक समस्याओं का स्मार्ट समाधान निकल रहा है. यह स्थानीय इनोवेशन और वैश्विक टेक्नोलॉजी के संगम का प्रतीक है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का स्वागत और प्रतिक्रिया
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने OpenAI की इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, "भारत में OpenAI की उपस्थिति यह दिखाती है कि हम डिजिटल नवाचार और AI अपनाने के मामले में अग्रणी बनते जा रहे हैं. हमारी सरकार डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, एआई टैलेंट और एंटरप्राइज स्केल सॉल्यूशन्स में निवेश कर रही है. OpenAI जैसी कंपनियों की मौजूदगी भारत को AI-लेड ट्रांसफॉर्मेशन की अगली लहर में वैश्विक नेतृत्व दिलाने में मदद करेगी."
उनके इस बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारत सरकार देश में AI को केवल टेक्नोलॉजी के रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास का माध्यम मान रही है.
AI में भारत की संभावनाएं:
OpenAI की भारत में यह एंट्री उस समय हो रही है, जब दुनिया भर में AI को लेकर नए नियम, उपयोग और जोखिमों पर चर्चा तेज हो रही है. भारत में युवाओं की संख्या, तकनीकी दक्षता, स्टार्टअप कल्चर और सरकारी सहयोग जैसे कारक मिलकर एक ऐसा वातावरण बना रहे हैं, जहां AI के जरिए आर्थिक और सामाजिक रूप से बड़े बदलाव संभव हैं.
भारत में पहले ही कई स्टार्टअप्स ChatGPT और GPT API का उपयोग कर अपने उत्पादों को बना और स्केल कर रहे हैं. अब जब OpenAI की लोकल टीम भारत में काम करेगी, तो न केवल सपोर्ट बेहतर होगा, बल्कि नवाचार और एक्सपेरिमेंट्स की रफ्तार भी कहीं ज्यादा तेज हो सकती है.
क्या होगा इससे भारत को फायदा?
स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे – हायरिंग शुरू हो चुकी है, जिससे AI और टेक क्षेत्र के युवाओं को बड़ी कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा.
भारतीय डेवलपर्स को मिलेगा ग्लोबल एक्सपोजर – लोकल टीम और ग्लोबल नेटवर्क से जुड़कर भारतीय टैलेंट विश्व स्तर पर खुद को साबित कर सकेगा.
स्टार्टअप्स को मिलेगा टेक्निकल सपोर्ट – AI-आधारित प्रोडक्ट्स बनाने वाले स्टार्टअप्स को अब OpenAI से सीधा मार्गदर्शन और संसाधन प्राप्त हो सकेंगे.
एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा – OpenAI के टूल्स का उपयोग शिक्षा में करके छात्रों को वैश्विक AI लैवल पर तैयार किया जा सकता है.
गवर्नेंस में बेहतर तकनीकी समाधान – लोकल समस्याओं जैसे किसानों की मदद, हेल्थकेयर, रोजगार, सरकारी सेवाओं को अधिक स्मार्ट बनाया जा सकेगा.
ये भी पढ़ें- बदल चुकी है भारत की रक्षा नीति, पाकिस्तान के लिए सेट किए पांच न्यू नॉर्मल, नहीं माना तो मचेगी तबाही!