ऑनलाइन गेमिंग बिल पास, क्या ड्रीम 11 पर भी गिरेगी गाज? कंपनी कर रही ये तैयारियां

    भारत में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नया कानून अब संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है. ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025’ को राज्यसभा ने 21 अगस्त को मंजूरी दे दी, जिससे रियल मनी गेम्स पर पूरी तरह रोक लगाने का रास्ता साफ हो गया है.

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    भारत में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नया कानून अब संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है. ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025’ को राज्यसभा ने 21 अगस्त को मंजूरी दे दी, जिससे रियल मनी गेम्स पर पूरी तरह रोक लगाने का रास्ता साफ हो गया है. इस विधेयक के पास होते ही सबसे बड़ा असर भारत की अग्रणी फैंटेसी गेमिंग कंपनी Dream11 पर देखने को मिला है, जिसने अब अपने रियल मनी गेमिंग ऑपरेशन को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है.

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 20 अगस्त को कंपनी के संस्थापक और सीईओ हर्ष जैन ने एक इंटरनल टाउनहॉल मीटिंग में कर्मचारियों को इस बदलाव की सूचना दी थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि नए कानून के लागू होने के बाद, रियल मनी गेम्स को जारी रखने का कोई वैध रास्ता नहीं बचा है. कंपनी अब अपनी ऊर्जा FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios जैसे वर्टिकल्स पर केंद्रित करने जा रही है.

    ड्रीम11 पर था भारी मुनाफे का भार

    ड्रीम स्पोर्ट्स ग्रुप के लिए ये फैसला भारी कारोबारी नुकसान का कारण बन सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी का करीब 90% से अधिक रेवेन्यू ड्रीम11 के पेड फैंटेसी कॉन्टेस्ट्स से आता था. अकेले पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप 2024 के दौरान Dream11 ने करीब ₹9,600 करोड़ की कमाई की थी. इतना ही नहीं, रियल मनी गेमिंग सेक्टर का 67% रेवेन्यू अकेले Dream11 के माध्यम से आता था, जो अब नए कानून के चलते पूरी तरह बंद होने की कगार पर है.

    Dream11 की शुरुआत और सफर

    साल 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ ने Dream11 की शुरुआत की थी. आज इसके 28 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म बन चुका है. लेकिन अब नए कानून के चलते कंपनी को अपने मूल बिजनेस मॉडल से हटकर नए क्षेत्रों की ओर रुख करना पड़ रहा है.

    क्या कहता है नया गेमिंग कानून?

    केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक के अनुसार. रियल मनी गेम्स (जहां पैसे दांव पर लगाए जाते हैं) पर पूर्ण रोक लगाई जाएगी. जबकि ई-स्पोर्ट्स और अन्य स्किल-बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग को प्रोत्साहन मिलेगा. यह कदम समाज और खासकर मध्यम वर्गीय युवाओं को आर्थिक और मानसिक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है.

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