भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल इन दिनों रूस के दौरे पर हैं, जहां 6 अगस्त को उनकी मुलाकात रूसी नेतृत्व और वरिष्ठ अधिकारियों से होने वाली है. यह दौरा सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें ऊर्जा, रक्षा और वैश्विक भू-राजनीति से जुड़े अहम मुद्दों पर मंथन होने की उम्मीद है. विशेष रूप से तब जब अमेरिका ने भारत को रूसी तेल खरीदने पर चेतावनी दी है और भारी-भरकम टैरिफ थोपने की तैयारी में है.
डोभाल का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा कर दी है. यह टैरिफ 7 अगस्त से प्रभावी माना जा रहा है. ट्रंप का कहना है कि भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने से मास्को को यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष मदद मिल रही है. वहीं भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे "दोहरे मापदंड" करार दिया है, क्योंकि खुद अमेरिका रूस से यूरेनियम और उर्वरक खरीद रहा है.
एस-400 और रक्षा सहयोग पर होगी चर्चा
रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, इस बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर गहन चर्चा होगी. खासतौर पर रक्षा सहयोग के तहत रूस से मिलने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली की शेष आपूर्ति पर भी बात की जाएगी. भारत पहले ही इस प्रणाली की तीन यूनिट प्राप्त कर चुका है और शेष डिलीवरी पर अमेरिका की नाराजगी के बावजूद प्रक्रिया जारी है. गौरतलब है कि मई में भारत-पाक तनाव के दौरान S-400 की भूमिका अहम मानी गई थी.
ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद पहली रूस यात्रा
अजीत डोभाल मई में सफलतापूर्वक संचालित ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार रूस पहुंचे हैं. इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय नागरिकों को संकटग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकाला गया था. डोभाल की यह यात्रा पहले से ही तय थी, लेकिन हाल के अमेरिकी बयानों के बाद इसकी संवेदनशीलता और बढ़ गई है. रूस के साथ भारत का रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में गहरा रिश्ता रहा है, जिसे किसी तीसरे पक्ष के दबाव से तोड़ना भारत के हित में नहीं माना जाता.
ट्रंप के विशेष दूत भी मॉस्को में मौजूद
इसी दिन एक और अहम कूटनीतिक गतिविधि रूस में देखने को मिलेगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी बुधवार को मॉस्को पहुंच रहे हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेशकोव ने इस बात की पुष्टि की है और साथ ही यह भी कहा है कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से यूक्रेन संकट को लेकर बातचीत की कोशिशें तेज़ हो रही हैं. विटकॉफ की यात्रा इस दिशा में एक और कदम मानी जा रही है.
पुतिन की भारत यात्रा पर भी होगा विचार
बैठक के दौरान एक और बड़ा मुद्दा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा हो सकती है. दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय संवाद होता रहा है, और इस वर्ष के अंत में पुतिन की संभावित यात्रा दोनों देशों के रणनीतिक रिश्तों को नई दिशा दे सकती है. डोभाल की यात्रा इस दिशा में बुनियादी तैयारियों का हिस्सा मानी जा रही है.
यह भी पढ़ें: रूस की परमाणु मिसाइलों की अब कोई सीमा नहीं...अमेरिका यूरोप मिसाइल प्लान पर भड़के पुतिन