देशभर के स्कूलों में फीस जमा करने की प्रक्रिया को अब और पारदर्शी और सुविधाजनक बनाया जाएगा. इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और संबंधित संस्थाओं से आग्रह किया है कि वे स्कूलों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दें और इसके तहत यूपीआई (Unified Payments Interface) को अपनाएं. मंत्रालय का मानना है कि यह कदम न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि अभिभावकों के लिए फीस जमा करना भी बेहद आसान बना देगा.
शिक्षा मंत्रालय ने एक औपचारिक पत्र के ज़रिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न स्वायत्त शैक्षणिक निकायों जैसे कि एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस और एनवीएस को इस दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा है. पत्र में विशेष रूप से स्कूलों में प्रवेश शुल्क और परीक्षा शुल्क जैसी वित्तीय प्रक्रियाओं में यूपीआई जैसे डिजिटल माध्यमों को लागू करने पर ज़ोर दिया गया है.
अभिभावकों और छात्रों को होगा सीधा लाभ
मंत्रालय द्वारा जारी बयान में यह स्पष्ट किया गया है कि इस बदलाव से अभिभावकों को स्कूल जाकर नकद भुगतान करने की आवश्यकता नहीं रहेगी. वे घर बैठे मोबाइल या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सुरक्षित तरीके से फीस का भुगतान कर सकेंगे. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी.
नकद से डिजिटल की ओर एक मजबूत कदम
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि स्कूलों में डिजिटल भुगतान की व्यवस्था केवल सुविधा का ही नहीं, बल्कि एक व्यापक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा है. इससे ना केवल स्कूल प्रशासन को फायदा पहुंचेगा, बल्कि छात्रों और अभिभावकों के बीच वित्तीय साक्षरता भी बढ़ेगी. मंत्रालय ने इसे भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक अहम पहल बताया है.
भविष्य की ओर एक मजबूत संकेत
इस पहल से यह संकेत मिलता है कि देश का शैक्षिक तंत्र अब तकनीक को अपनाकर आगे बढ़ने को तैयार है. यूपीआई जैसे सुरक्षित और तेज़ डिजिटल टूल्स के माध्यम से न केवल वित्तीय प्रक्रियाएं सरल होंगी, बल्कि इससे स्कूलों में प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही भी बढ़ेगी.
यह भी पढ़ें: बिहार पुलिस में 4100 से ज्यादा पदों पर भर्ती, 12वीं पास ऐसे करें अप्लाई, जानें पोस्ट वाइज वैकेंसी डिटेल्स