UPI से लेनदेन के लिए नहीं होगी PIN की जरुरत, फिंगरप्रिंट से कर सकेंगे पेमेंट, जल्द मिलेगी नई सुविधा

    डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए जल्द ही एक बड़ी सुविधा आने वाली है. अब आपको हर बार ट्रांजैक्शन करते वक्त PIN डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

    Now you can make UPI payments using your fingerprint
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए जल्द ही एक बड़ी सुविधा आने वाली है. अब आपको हर बार ट्रांजैक्शन करते वक्त PIN डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन यानी फिंगरप्रिंट या फेस ID से UPI पेमेंट की तैयारी में जुटा है.

    इस बदलाव के बाद UPI पेमेंट का अनुभव न केवल ज्यादा स्मूद होगा, बल्कि सिक्योरिटी के लिहाज से भी मजबूत होगा. यानी अब डिजिटल भुगतान के लिए आपकी उंगलियों के निशान या चेहरे की पहचान ही काफी होगी.

    क्या है बायोमेट्रिक पेमेंट?

    बायोमेट्रिक पेमेंट में आपकी पहचान के लिए फिंगरप्रिंट या फेस ID का उपयोग होता है. इसका मतलब- ना पासवर्ड, ना पिन याद रखने की झंझट. जैसा आप अपने स्मार्टफोन को अनलॉक करते हैं, ठीक वैसे ही UPI पेमेंट भी हो पाएगा.

    यह सिस्टम PIN की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि फिंगरप्रिंट या चेहरे की पहचान कॉपी नहीं की जा सकती. साथ ही, यह तेज और सुविधाजनक भी होगा.

    कब से शुरू होगी ये सुविधा?

    NPCI ने इस तकनीक पर काम शुरू कर दिया है, हालांकि आधिकारिक लॉन्च डेट सामने नहीं आई है. संभावना है कि आने वाले कुछ महीनों में चुनिंदा UPI ऐप्स में इसका पायलट वर्जन शुरू किया जाएगा.

    अगर सबकुछ सही रहा तो जल्द ही यह सुविधा सभी प्रमुख UPI ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि में उपलब्ध होगी.

    क्यों जरूरी है यह बदलाव?

    फ्रॉड की आशंका कम: PIN चोरी या अनुमान लगाने की तुलना में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन ज्यादा सुरक्षित है.

    यूजर फ्रेंडली: बुजुर्गों या उन लोगों के लिए भी आसान, जिन्हें PIN याद रखने में दिक्कत होती है.

    तेजी से ट्रांजैक्शन: फिंगरप्रिंट स्कैन होते ही पेमेंट पूरा—बिना किसी टाइपिंग या OTP के इंतजार के.

    क्या बायोमेट्रिक डेटा सुरक्षित रहेगा?

    NPCI का दावा है कि सभी बायोमेट्रिक डेटा एन्क्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर किए जाएंगे, ताकि किसी भी तरह की प्राइवेसी ब्रीच से बचाव हो सके.

    हालांकि, डेटा सुरक्षा को लेकर कड़े प्रोटोकॉल और निगरानी की आवश्यकता होगी, ताकि यूजर्स का भरोसा बना रहे.

    शुरुआत में कौन कर पाएगा इसका इस्तेमाल?

    शुरुआती दौर में यह फीचर कुछ ऐप्स और सीमित यूजर्स के लिए रोलआउट किया जाएगा, ताकि फीडबैक के आधार पर सिस्टम को और बेहतर किया जा सके. इसके बाद धीरे-धीरे सभी UPI प्लेटफॉर्म्स पर यह फीचर लाइव किया जाएगा.

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