'ऑपरेशन सिंदूर से नूर खान और शोरकोट एयरबेस तबाह...' पाकिस्तान के डिप्टी पीएम का कबूलनामा, देखें वीडियो

    पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने एक हालिया साक्षात्कार में भारत के कथित 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है, जो दोनों देशों के बीच मौजूदा सैन्य तनावों के संदर्भ में एक बड़ा खुलासा माना जा रहा है.

    Noor Khan and Shorkot airbases destroyed by Operation Sindoor
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने एक हालिया साक्षात्कार में भारत के कथित 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है, जो दोनों देशों के बीच मौजूदा सैन्य तनावों के संदर्भ में एक बड़ा खुलासा माना जा रहा है.

    GEO न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में डार ने कहा कि इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान के दो अहम एयरबेस- नूर खान और शोरकोट को गंभीर नुकसान पहुंचाया. यह बयान इसलिए खास है क्योंकि पाकिस्तान अब तक इस तरह की किसी भी कार्रवाई को लेकर सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करता रहा था.

    हम पलटवार की तैयारी में थे- डार

    डार ने कहा कि भारत की कार्रवाई उस समय हुई जब पाकिस्तान खुद एक जवाबी सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा था. लेकिन भारतीय स्ट्राइक ने उस रणनीति को पहले ही निष्प्रभावी कर दिया. उन्होंने बताया कि यह हमला पाकिस्तान के लिए "सामरिक रूप से चौंकाने वाला" रहा.

    सऊदी अरब की मध्यस्थता का दावा

    साक्षात्कार में डार ने यह भी खुलासा किया कि हालात इतने तनावपूर्ण हो गए थे कि पाकिस्तान को अमेरिका और सऊदी अरब की मदद लेनी पड़ी. उन्होंने बताया कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने व्यक्तिगत रूप से भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क करने की इच्छा जताई, ताकि संघर्ष को रोका जा सके.

    पहले भी मिल चुके हैं संकेत

    गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भी स्वीकार किया था कि भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल कर रावलपिंडी एयरपोर्ट समेत कई क्षेत्रों में हमला किया गया था. शरीफ ने दावा किया था कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई सुबह 4:30 बजे तय थी, लेकिन भारत ने उससे पहले ही हमले कर उनकी तैयारियों को पंगु बना दिया.

    जनरल असीम मुनीर ने जताई चिंता

    पाकिस्तानी सेना प्रमुख और अब फील्ड मार्शल बनाए गए जनरल असीम मुनीर ने भी हाल ही में वॉशिंगटन में दिए बयान में चिंता जताई थी. उन्होंने कहा कि भारत अब “एक नया सैन्य सिद्धांत स्थापित करना चाहता है – सीमाओं को पार कर, किसी भी समय सैन्य कार्रवाई का अधिकार.” उनका मानना है कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है.

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