Noida News: सोशल मीडिया का बुखार इन दिनों सिर्फ स्मार्टफोन्स तक ही सीमित नहीं है, अब नोएडा की सड़कों पर भी इसका बेशुमार असर दिखने लगा है. रील्स बनाने की सनक में कुछ युवा ट्रैफिक रूल्स को मज़ाक समझ बैठे हैं. लेकिन अब ट्रैफिक पुलिस ने भी कमर कस ली है और इन ‘रीलबाजों’ पर ऐसा शिकंजा कसा है कि उनके स्टंट के साथ-साथ जेबें भी खाली हो रही हैं.
सड़क पर स्टंट, जेब में चालान
नोएडा की ट्रैफिक पुलिस अब ऐसे स्टंटबाज़ों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर रही जो रील्स के नाम पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं. बिना हेलमेट, ओवरस्पीडिंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, और सोशल मीडिया पर खतरनाक स्टंट करने वाले युवाओं के खिलाफ भारी चालान और मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक, बिना हेलमेट पकड़े जाने पर ₹5,000 तक का चालान और ड्राइविंग लाइसेंस तीन साल तक के लिए सस्पेंड हो सकता है.
नोएडा ट्रैफिक पुलिस अब सिर्फ सड़क पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हो गई है. सेक्टर 94 में बने "नगर यातायात नियंत्रण कक्ष" में एक खास टीम तैनात की गई है जो इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक पर वायरल हो रही स्टंट वीडियो की निगरानी कर रही है. इन वीडियो के आधार पर न केवल चालान काटे जा रहे हैं, बल्कि कुछ मामलों में सीधे एफआईआर भी दर्ज हो रही है.
चालानों से भर रहा है ट्रैफिक पुलिस का खजाना
अधिकारियों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों में चालानों से मिलने वाला राजस्व 40% तक बढ़ गया है. ट्रैफिक अफसर लखन सिंह यादव का कहना है, “स्टंटबाज़ सिर्फ खुद की नहीं, बल्कि आम लोगों की जान को भी खतरे में डालते हैं. इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई ज़रूरी है.”
फंड भी आया, तकनीक भी तैयार
इन ‘रीलबाज़ों’ से निपटने के लिए सरकार ने ट्रैफिक सिग्नलों और सीसीटीवी नेटवर्क को अपग्रेड करने का बजट भी जारी किया है. आने वाले समय में स्मार्ट ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम की मदद से नियम तोड़ने वालों की पहचान और तेज़ी से की जा सकेगी.
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