Israel and Iran War: मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध को लेकर वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. इसी कड़ी में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई देशों के नेताओं से फोन पर बात की. यह चर्चा इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए बड़े हवाई हमलों के बाद हुई. नेतन्याहू का कहना है कि इन हमलों का मकसद ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना था.
वैश्विक नेताओं से लगातार संपर्क में नेतन्याहू
इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, नेतन्याहू ने जर्मनी, भारत और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत की है. इसके अलावा वे जल्द ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी संपर्क करने वाले हैं.
पीएम मोदी ने किया शांति का आग्रह
इस बातचीत की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की. उन्होंने लिखा, "इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से फोन पर बात हुई. उन्होंने मुझे मौजूदा हालात की जानकारी दी. मैंने भारत की गहरी चिंता व्यक्त की और क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति और स्थिरता स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया."
हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए
इजरायल-ईरान का वर्षों पुराना छद्म युद्ध अब खुले संघर्ष में बदल गया है. इजरायल ने एक बेहद सटीक और समन्वित हवाई हमले में ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े कई महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह कर दिया. इस हमले में ईरान के तीन प्रमुख सैन्य अधिकारी – जनरल मोहम्मद बघेरी, जनरल होसैन सलामी और जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह – मारे गए. साथ ही दो वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों की भी मौत की खबर है. नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा, "अगर यह हमला नहीं होता, तो ईरान बहुत जल्द परमाणु हथियार बना सकता था."
ईरान ने दी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी
इजरायल के हमले के बाद ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि उनका देश इस हमले का सख्त जवाब देगा. ईरान ने इजरायल पर 100 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें दागीं, हालांकि इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश हमलों को नाकाम कर दिया. इजरायल ने अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और अपनी सीमाओं पर हजारों रिजर्व सैनिकों को तैनात कर दिया है.
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