NEET UG Counseling 2025: देशभर में नीट यूजी 2025 काउंसलिंग की प्रक्रिया ज़ोरों पर है. छात्र-छात्राएं अपने मेडिकल करियर के पहले कदम की तैयारी में लगे हैं. लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, हर साल हजारों एमबीबीएस सीटें खाली रह जाती हैं. ये वो सीटें हैं जिन पर योग्य उम्मीदवार होने के बावजूद दाखिले नहीं हो पाते.
सवाल उठता है, जब मेडिकल सीटों की मांग इतनी अधिक है, तो दाखिले अधूरे क्यों रह जाते हैं?
MBBS सीटों में जबरदस्त बढ़ोतरी, फिर भी क्यों खाली हैं हजारों सीटें?
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में देश में कुल 83,275 MBBS सीटें थीं. 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1,15,900 हो गई है. यानी करीब 39% की बढ़ोतरी. इसके बावजूद 2021-22 में 2,012 सीटें खाली रहीं. 2022-23 में यह बढ़कर 4,146 हो गईं. 2023-24 में 2,959 सीटें और 2024-25 में भी 2,849 सीटें खाली पड़ी रहीं. ये आंकड़े AIIMS और JIPMER जैसे टॉप संस्थानों को शामिल किए बिना हैं. यानी समस्या देश के आम मेडिकल कॉलेजों की है, और यही चिंताजनक है.
क्या कॉलेजों का इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी स्तर पर्याप्त नहीं है?
सरकार ने माना कि सीटों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कॉलेजों की गुणवत्ता, फैकल्टी की उपलब्धता और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल हैं. इसी दिशा में कदम उठाते हुए, 2023 में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने नए मिनिमम स्टैंडर्ड रिक्वायरमेंट लागू किए हैं ताकि कॉलेजों की क्वालिटी को सुनिश्चित किया जा सके.
157 नए मेडिकल कॉलेज, 131 पहले से क्रियाशील
केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि अब तक 157 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 131 कॉलेज पहले से संचालन में हैं. यह मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसका पूरा असर तभी दिखेगा जब सीटों के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता भी समान रूप से बढ़े.
NEET UG Counselling 2025: रजिस्ट्रेशन और चॉइस फिलिंग का शेड्यूल
रजिस्ट्रेशन और फीस भुगतान:
21 जुलाई से 3 अगस्त 2025 तक
उम्मीदवार MCC की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
चॉइस फिलिंग और लॉकिंग:
रजिस्ट्रेशन के बाद अपनी पसंद के मेडिकल कॉलेज और कोर्स का चयन कर सकते हैं.
एक बार लॉकिंग के बाद विकल्प बदले नहीं जा सकेंगे.
यह काउंसलिंग Medical Counselling Committee (MCC) द्वारा All India Quota (AIQ) के तहत कराई जा रही है. इसमें AIIMS, JIPMER, केंद्रीय विश्वविद्यालय और अन्य प्रमुख संस्थान शामिल हैं.
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