बलूच विद्रोहियों के हमलों से डरे मुनीर, बलूचिस्तान में उतारे सेना के टैंक, पाकिस्तान में बहेगा खून?

    पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत एक बार फिर गहरे तनाव और अस्थिरता की चपेट में आ गया है.

    Munir deployed tanks in Balochistan against Baloch rebels
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Social Media

    इस्लामाबाद/क्वेटा: पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत एक बार फिर गहरे तनाव और अस्थिरता की चपेट में आ गया है. इस बार मामला केवल अलगाववादी हमलों तक सीमित नहीं है बल्कि पाकिस्तान सेना ने जवाबी कार्रवाई के नाम पर आक्रामक सैन्य अभियान शुरू कर दिया है, जिसमें टैंक जैसे भारी हथियारों को शहरी और ग्रामीण इलाकों में तैनात किया गया है.

    यह कदम तब उठाया गया, जब बलूच अलगाववादी संगठनों द्वारा हालिया हफ्तों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर किए गए हमले तेज़ी से बढ़े हैं. लेकिन सेना की यह प्रतिक्रिया न केवल सैन्य बल्कि नैतिक और मानवाधिकारों के लिहाज़ से भी विवादों में घिरती दिख रही है.

    बलूच इलाकों में टैंक, हमले और डर का माहौल

    3 दिन पहले जारी एक वीडियो में बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने टैंकों के साथ सड़कों पर मार्च शुरू कर दिया है. यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना के टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां बलूचिस्तान के केच और मकरान जैसे क्षेत्रों में देखी जा सकती हैं.

    मीर ने लिखा, "लगातार अपमान और विरोध के बाद अब पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान की जनता को डराने और कुचलने के लिए टैंक उतार दिए हैं."

    बलूच संगठनों का आरोप है कि इन सैन्य कार्रवाइयों के पीछे मकसद सिर्फ आतंकवाद से लड़ना नहीं, बल्कि जनता के मन में डर भरना और स्वतंत्रता की मांग को कुचलना है.

    हम तैयार हैं- बलूच नेताओं का दो-टूक संदेश

    बलूच आंदोलन के समर्थकों और नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान सरकार की ये कार्रवाइयां उन्हें झुका नहीं सकतीं. मीर यार बलूच ने अपने पोस्ट में कहा, "पाकिस्तानी सेना गांवों के मासूम लोगों के बीच टैंक उतार रही है, हवाई हमले कर रही है, और नागरिकों का अपहरण करके डर का माहौल बना रही है. लेकिन यह रणनीति पूरी तरह नाकाम होगी. बलूच जनता पहले से ज्यादा संगठित और दृढ़ है."

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बल से बलूच जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इतिहास गवाह है कि जिस भूमि से लोगों को गहरा प्रेम होता है, उस पर किसी सैन्य ताकत का शासन लंबे समय तक नहीं टिकता.

    हिंसा की बढ़ती घटनाएं: हालिया हमलों की कड़ी

    बलूच विद्रोही गुटों ने पिछले कुछ दिनों में कई सुरक्षा चौकियों और सैन्य गश्तों को निशाना बनाया है.

    सबसे हालिया घटना केच जिले के मांड इलाके में हुई, जहां शुक्रवार सुबह फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) के दो जवान मारे गए.

    रिपोर्टों के अनुसार, हथियारबंद हमलावरों ने न सिर्फ गोलीबारी की, बल्कि जवानों के हथियार भी छीनकर फरार हो गए.

    इसके अलावा, तीन अलग-अलग बलूच सशस्त्र संगठनों ने बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को सरकारी परियोजनाओं और सैन्य ठिकानों पर हमले करने की जिम्मेदारी ली है. यह स्पष्ट संकेत है कि बलूच विद्रोह एक बार फिर उग्र रूप लेता जा रहा है.

    स्थानीय नागरिकों और संगठनों की चिंता

    बलूचिस्तान में टैंकों की तैनाती को लेकर मानवाधिकार संगठनों और स्थानीय लोगों में गहरी चिंता देखी जा रही है. नागरिकों का कहना है कि यह केवल एक सैन्य जवाब नहीं, बल्कि एक आक्रामक दमन नीति है.

    स्थानीय निवासी और पत्रकार कह रहे हैं कि सेना की उपस्थिति के बाद से:

    • सड़कों पर आम नागरिकों की तलाशी बढ़ गई है
    • रात के समय छापेमारी और पूछताछ आम हो गई है
    • कई परिवारों ने अपने सदस्यों के गायब होने की शिकायतें भी दर्ज कराई हैं

    ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसी संस्थाएं पहले ही पाकिस्तान से बलूचिस्तान में जबरन गायबियों और मानवाधिकार हनन पर सवाल उठा चुकी हैं. अब हालात फिर उसी दिशा में बढ़ते दिख रहे हैं.

    बलूच स्वतंत्रता आंदोलन की संक्षिप्त पृष्ठभूमि

    बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला और उपेक्षित प्रांत है. यहां लंबे समय से:

    • प्राकृतिक संसाधनों की लूट
    • राजनीतिक हाशिये पर रखना
    • और सांस्कृतिक पहचान की उपेक्षा
    • जैसे मुद्दों को लेकर असंतोष रहा है.

    1950 के दशक से ही यहां स्वायत्तता और स्वतंत्रता की मांग उठती रही है. आज यह आंदोलन छिटपुट संघर्षों से उठकर गठित सैन्य और राजनीतिक विरोध का रूप ले चुका है. Free Baloch Movement, Balochistan Liberation Army (BLA) जैसे गुट इस लड़ाई की अगुवाई कर रहे हैं.

    ये भी पढ़ें- चीन ने भारतीय सेना से लद्दाख में लड़ने के लिए बनाई नई रणनीति, इन टैंकों को करेगा तैनात, जानें प्लान