दुनिया के इन 5 देशों से आते हैं सबसे ज्यादा पेट कैंसर के मामले, जानिए क्या हैं इसके मुख्य कारण

    पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है, दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण बन चुका है. 2020 में, लगभग 1.089 मिलियन नए पेट के कैंसर के मामले सामने आए थे और 769,000 से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा बैठे.

    Most cases of stomach cancer come from these 5 countries in the world
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Stomach Cancer: पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है, दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण बन चुका है. 2020 में, लगभग 1.089 मिलियन नए पेट के कैंसर के मामले सामने आए थे और 769,000 से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा बैठे. वहीं, भारत में भी यह बीमारी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, और 2025 तक इसके मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है. हर साल लगभग 60,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं.

    पेट का कैंसर अक्सर शुरुआती अवस्था में कोई खास लक्षण नहीं दिखाता, जिससे इसका पता देर से चलता है. इसके बावजूद, कुछ रिस्क फैक्टर्स जैसे एच. पाइलोरी इंफेक्शन, नमकीन या प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन, धूम्रपान और शराब इसके खतरे को बढ़ाते हैं.

    पेट के कैंसर के प्रमुख कारण

    पेट के कैंसर के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं. इनमें से सबसे प्रमुख कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का इंफेक्शन, भोजन की आदतें और जीवनशैली से जुड़े कारक हैं. इसके अलावा, कुछ देशों में पेट के कैंसर की दर विशेष रूप से अधिक है, जिनका विश्लेषण हम यहां करेंगे.

    1. मंगोलिया

    मंगोलिया में पेट के कैंसर की दर काफी ज्यादा है. इसका मुख्य कारण यहां के लोगों का नमकीन और स्मोक्ड खाना ज्यादा खाना है. इसके अलावा, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का इंफेक्शन भी यहां की आबादी में फैल चुका है, जो पेट के कैंसर का बड़ा कारण बनता है. स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता भी यहां पर्याप्त नहीं है, जिससे बीमारी का पता अक्सर देर से चलता है.

    2. जापान

    जापान में पेट के कैंसर की दर भी बहुत अधिक है. यहां के लोग पुराने समय से चले आ रहे नमकीन, अचार वाले और स्मोक्ड फूड्स का अधिक सेवन करते आ रहे हैं, जो पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है. इसके अलावा, एच. पाइलोरी इंफेक्शन भी एक बड़ा कारण है. जापान की आबादी लगातार बूढ़ी हो रही है और पेट का कैंसर अक्सर बुजुर्गों में ज्यादा देखा जाता है. हालांकि, जापान में बेहतरीन स्क्रीनिंग प्रोग्राम भी मौजूद हैं, जो कैंसर के मामलों का समय रहते पता लगाने में मदद करते हैं.

    3. दक्षिण कोरिया

    दक्षिण कोरिया में भी पेट के कैंसर के मामले बहुत ज्यादा हैं. यहां के पारंपरिक फूड्स, जिनमें नमकीन और फर्मेंटेड चीजें होती हैं, पेट के कैंसर के लिए जोखिम पैदा करते हैं. एच. पाइलोरी इंफेक्शन की दर भी यहां बहुत ज्यादा है. हालांकि, दक्षिण कोरिया में नेशनल कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम सक्रिय हैं, जो अधिक मामलों का पता लगाने में मदद करते हैं.

    4. ईरान

    ईरान में भी पेट के कैंसर की दर काफी अधिक है. यहां के लोग नमकीन और स्मोक्ड फूड्स का अधिक सेवन करते हैं, जबकि ताजे फल और सब्जियों का सेवन कम होता है. इस तरह का आहार पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. इसके अलावा, एच. पाइलोरी इंफेक्शन यहां भी व्यापक रूप से फैला हुआ है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है. कुछ क्षेत्रों में पर्यावरणीय कारक भी इसका कारण हो सकते हैं.

    5. तजाकिस्तान

    तजाकिस्तान में भी पेट के कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है. यहां के लोग नमकीन और प्रोसेस्ड फूड्स का ज्यादा सेवन करते हैं, जो पेट के कैंसर के कारण बन सकते हैं. एच. पाइलोरी इंफेक्शन यहां भी एक महत्वपूर्ण कारण है. इसके अलावा, हेल्थकेयर की कमी और जागरूकता का अभाव इस बीमारी का पता देर से चलने का कारण बनता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है.

    पेट के कैंसर से बचने के उपाय

    पेट के कैंसर को रोकने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है. सबसे पहले, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन का समय रहते इलाज करना जरूरी है. इसके अलावा, हमें नमकीन और स्मोक्ड फूड्स का सेवन कम करना चाहिए और ताजे फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. धूम्रपान और शराब से बचना भी पेट के कैंसर के जोखिम को कम करता है. साथ ही, नियमित रूप से स्क्रीनिंग और चेक-अप्स कराना भी जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार के कैंसर का पता जल्द से जल्द लगाया जा सके.

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