मुरादाबाद में अवैध हथियार फैक्ट्री का पर्दाफाश, दिल्ली-NCR तक फैला था नेटवर्क, 9 गिरफ्तार

    मुरादाबाद में पुलिस ने एक ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो न सिर्फ अवैध हथियार बना रहा था, बल्कि दिल्ली-एनसीआर तक इन्हें बेचने का काम कर रहा था. गुरुवार को मुरादाबाद के गलशहीद थाना क्षेत्र में एक गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर पुलिस ने अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया.

    Moradabad illegal Weapon Manufacturing Factory police arrested 9 people
    Image Source: Social Media

    Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस ने एक ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो न सिर्फ अवैध हथियार बना रहा था, बल्कि दिल्ली-एनसीआर तक इन्हें बेचने का काम कर रहा था. गुरुवार को मुरादाबाद के गलशहीद थाना क्षेत्र में एक गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर पुलिस ने अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया. इस ऑपरेशन में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया और भारी मात्रा में हथियार, कारतूस, विस्फोटक और उपकरण बरामद किए गए.

    कैसे हुआ भंडाफोड़?

    एसएसपी सतपाल अंतिल को मिली खुफिया सूचना के बाद, उन्होंने विशेष पुलिस टीमों का गठन किया. एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह के नेतृत्व में चलाए गए इस ऑपरेशन में फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ, जो स्थानीय घरों में संचालित की जा रही थी.

    क्या-क्या मिला?

    पुलिस को 315 बोर के 4 देसी तमंचे, 12 बोर के 2 तमंचे और 315 बोर की 1 पोनी गन बरमाद की है. इसके अलावा 2 अधबने तमंचे, 59 ज़िंदा कारतूस, 1 ज़िंदा बम और 2 किलो बारूद मिले हैं. तमंचे की नालें और बॉडी की अधबनी पत्तियां, 150 अधबनी बुलेट्स अवैध हथियार बनाने के उपकरण और एक कार भी हाथ लगी है.

    तीन गिरोहों का साझा काला कारोबार

    जांच में खुलासा हुआ कि यह सिर्फ एक गैंग नहीं, बल्कि तीन अलग-अलग गिरोह मिलकर 'फैक्ट्री से फायरिंग तक' का पूरा नेटवर्क चला रहे थे. इदरीश, जाकिर और रिजवान तमंचे बनाने का काम करते थे. जावेद कारतूस निर्माण का मास्टरमाइंड था. अंकित, अरुण, अंशुमन और तुषार हथियारों की सप्लाई करते थे. इनके बनाए तमंचे 5,000 रुपये में दिल्ली-NCR में बिक रहे थे और अपराधों में इस्तेमाल हो रहे थे. 

    इन सभी पर आर्म्स एक्ट की धारा 3/5/25 और विस्फोटक अधिनियम की धारा 5(क) के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया है. पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि ये हथियार किन अपराधियों या गिरोहों तक पहुंचाए जा रहे थे. क्या कोई बड़ा नेटवर्क इससे जुड़ा है? क्या इनमें से कोई हथियार हालिया अपराधों में इस्तेमाल हुआ है?

    ये भी पढ़ें: 14 कत्ल, चाव से पीता था इंसानी दिमाग का सूप.. राजा कोलंदर की कहानी जिसने इंसानियत को झकझोरा, 21 साल बाद मिली ये सजा