Mandi Cloudbrust: हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है. मंगलवार सुबह हुई भारी बारिश और बादल फटने जैसी स्थिति ने शहर की रफ्तार को थाम दिया और कई जिंदगियों को हमेशा के लिए बदल दिया.
तेज बारिश के कारण हुए भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाओं ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया. अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य शामिल हैं, एक पूर्व पार्षद का बेटा, बहू और उनका मासूम पोता.
परिवार को बचाने की कोशिश बनी मौत की वजह
दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ जब यह परिवार अपने थ्री व्हीलर वाहन को बचाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन तभी तेज बहाव में आया मलबा उन्हें अपने साथ बहा ले गया. मौके पर मौजूद एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने तीन मौतों की पुष्टि की है, जबकि राहत कार्य अभी भी जारी है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी घटना स्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया.
शहर की सड़कों पर पसरा मलबा
मंडी के जेल रोड, जोनल अस्पताल मार्ग, और सैंण क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. मलबे से सड़कें पूरी तरह बाधित हो गईं हैं, कई निजी और सरकारी वाहन दब गए हैं और दर्जनों मकानों को भी खतरा है. कीरतपुर-मनाली फोरलेन और पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन की वजह से बंद हो गए हैं, जिससे यातायात भी पूरी तरह से ठप हो गया है.
लोगों ने ऐसे बचाई जान
जब पहाड़ से मलबा गिरता दिखा, कई स्थानीय लोग इधर-उधर भागे, दुकानों और घरों में शरण ली. कुछ लोग तो बाल-बाल बचे, लेकिन जेल रोड से मलबे में दबे लोगों की आशंका जताई जा रही है. प्रशासन ने इसकी पुष्टि तो नहीं की है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है.
प्रशासन और राहत दल मौके पर
प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर तैनात हैं. जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है. मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है.
ये भी पढ़ें- Deoghar Accident: बस की ट्रक से हुई टक्कर, 18 कांवड़ियों की मौत; देवघर में हुआ बड़ा हादसा