देशभर में मॉनसून का कहर, यूपी से मेघालय तक जनजीवन अस्त-व्यस्त, जानें कब मिलेगी राहत

    Weather update: देश में मॉनसून इस बार राहत कम और आफत ज्यादा लेकर आया है. तेज बारिश ने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. खासतौर पर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हालात चिंताजनक हो गए हैं.

    Monsoon wreaks havoc across the country life disrupted from UP to Meghalaya
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    Weather update: देश में मॉनसून इस बार राहत कम और आफत ज्यादा लेकर आया है. तेज बारिश ने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. खासतौर पर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हालात चिंताजनक हो गए हैं. भूस्खलन, सड़कें धंसना, नदी-नाले उफान पर आना और लगातार बढ़ता जलस्तर, इन राज्यों में हर दिन संकट और गहराता जा रहा है. बीते 24 घंटों में सात लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दो लोग घायल हुए हैं. वहीं, केदारनाथ यात्रा को भी छह घंटे तक रोकना पड़ा और हज़ारों श्रद्धालु रास्ते में फंस गए.

    हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. शिमला, मंडी, कुल्लू, चंबा और अन्य जिलों में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. मंडी जिले के छतरी इलाके में एक कार के खाई में गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में इस सीजन में मौतों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है. चंबा में एक महिला की जान रसोईघर की छत गिरने से चली गई. राज्य में 265 सड़कें, 41 बिजली ट्रांसफार्मर और 282 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा में मंगलवार को भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

     उफनती नदियां और बंद हाईवे

    उत्तराखंड भी इस मानसूनी तबाही से अछूता नहीं है. भूस्खलन, उफनती नदियां और टूटी सड़कें, हर तरफ संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हल्द्वानी के पास एक व्यक्ति नदी में बह गया, जबकि दो अन्य लोगों की डूबने से मौत हो गई. बदरीनाथ हाईवे कई घंटों तक बंद रहा, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. यमुनोत्री मार्ग पर सड़क का 25 मीटर हिस्सा धंस गया है. वहीं, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट के चलते बल्याखान गांव के 13 परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं.

    यूपी में गंगा उफान पर

    उत्तर प्रदेश में भी हालात बिगड़ रहे हैं. गंगा और अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर समेत 13 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. वाराणसी में मणिकर्णिका घाट सहित कई घाट डूब गए हैं. राहत और बचाव कार्य के लिए NDRF की टीमें तैनात की गई हैं, लेकिन अगले तीन दिन और बारिश का अलर्ट स्थिति को और गंभीर बना सकता है.

    पूर्वोत्तर में खतरा बरकरार

    पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स जिले में एक सरकारी अधिकारी गंनोल नदी में बह गया. वह परिवार के साथ पिकनिक पर था और नदी पार करने की कोशिश में हादसा हो गया. मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर में अगले सात दिन तक बारिश का पूर्वानुमान जताया है.

    बंगाल, आंध्र और राजस्थान में भी बारिश का असर

    पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों में 10 अगस्त तक भारी बारिश का अनुमान है. दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में अधिक वर्षा की चेतावनी दी गई है. आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में खेत में काम कर रही एक महिला की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हो गई. राजस्थान के पूर्वोत्तर हिस्सों में भी अगले तीन दिन भारी बारिश की संभावना है. भरतपुर के बयाना में 51 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है.

    फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं

    मौसम विभाग के अनुसार, देश के कई हिस्सों में अगले तीन से चार दिन तक भारी बारिश जारी रह सकती है. इससे बाढ़, भूस्खलन और जनहानि की आशंका और बढ़ गई है. लोगों को सतर्क रहने और गैर-ज़रूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है.

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