'ग्लोबल साउथ देशों के बिना वैश्विक संस्थाएं बिना नेटवर्क वाले मोबाइल की तरह', BRICS में बोले पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 17वीं BRICS शिखर सम्मेलन में वैश्विक शासन संरचनाओं में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया.

    Modi said in BRICS- the world needs a new system
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    रियो डी जनेरियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 17वीं BRICS शिखर सम्मेलन में वैश्विक शासन संरचनाओं में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों के समाधान के लिए बहुध्रुवीय और समावेशी वैश्विक व्यवस्था अनिवार्य है.

    उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, जो बीते युग की उपज हैं, आज की तकनीकी और भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करतीं.

    "पुरानी संस्थाएं, नई चुनौतियां नहीं सुलझा सकतीं"

    प्रधानमंत्री ने अपनी बात को प्रभावी तरीके से रखते हुए कहा, "20वीं सदी के टाइपराइटर से 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर नहीं चलाए जा सकते. वैश्विक संस्थाएं 80 वर्षों में एक बार भी अपडेट नहीं हुई हैं, जबकि आज तकनीक हर सप्ताह अपडेट होती है."

    उन्होंने विशेष रूप से ग्लोबल साउथ की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि इन देशों को नीति निर्धारण में समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा, जिससे अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं सीमित प्रभाव वाली बनकर रह गई हैं. मोदी ने इस स्थिति की तुलना सिम कार्ड वाले मोबाइल फोन से की जिसमें नेटवर्क नहीं हो, यानी "संख्या तो है, पर कनेक्शन नहीं."

    सिर्फ संख्या नहीं, विश्वसनीयता की भी बात

    मोदी ने कहा कि जिन देशों का वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है, उन्हें अंतरराष्ट्रीय निर्णय प्रक्रिया में निर्णायक भूमिका नहीं मिलती.

    मोदी ने कहा, "यह सिर्फ प्रतिनिधित्व का नहीं, बल्कि वैश्विक संस्थाओं की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता का भी मुद्दा है."

    BRICS एजेंडा: AI और स्वास्थ्य पर चर्चा

    इस वर्ष की BRICS बैठक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के नैतिक और व्यावहारिक इस्तेमाल, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्वास्थ्य पर विचार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की यह BRICS समिट में 12वीं भागीदारी है. वह सम्मेलन के दौरान अन्य सदस्य देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ताएं भी करेंगे.

    ब्राजील यात्रा के रणनीतिक आयाम

    • प्रधानमंत्री की ब्राजील यात्रा को लेकर कई द्विपक्षीय रक्षा एवं व्यापारिक समझौतों की संभावनाएं भी सामने आई हैं.
    • भारत और ब्राजील के बीच आकाश डिफेंस सिस्टम, गश्ती जहाजों की बिक्री पर चर्चा संभावित है.
    • स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों के प्रबंधन को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर भी संभावित हैं.
    • दोनों देश 2000 करोड़ रुपये के व्यापार लक्ष्य को और अधिक विस्तार देने के लिए काम कर रहे हैं.

    BRICS: उभरती अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक मंच

    BRICS अब 11 सदस्यीय समूह है, जिसमें भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, UAE, सऊदी अरब और इंडोनेशिया शामिल हैं. इसका मूल उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था और शासन में ग्लोबल साउथ की आवाज को सशक्त करना है.

    2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में आयोजित शिखर सम्मेलन में पहली बार बहुध्रुवीय दुनिया की अवधारणा को प्रस्तुत किया गया. 2014 में BRICS ने एक बड़ा कदम उठाते हुए न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना की, जो बुनियादी ढांचे के विकास के लिए फंडिंग उपलब्ध कराता है. इसके साथ ही एक रिजर्व फंड की भी स्थापना हुई ताकि इन देशों को आर्थिक संकट में डॉलर पर निर्भर न रहना पड़े.

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