भारत में ही बनेंगे 5th जेन स्टील्थ फाइटर जेट, रक्षा मंत्रालय ने मॉडल को दी मंजूरी, जानें इसकी खासियत

    भारत ने अपने बहुप्रतीक्षित 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है.

    Model of 5th generation indigenous fighter aircraft approved
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    नई दिल्ली: भारत ने अपने बहुप्रतीक्षित 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है. केंद्र सरकार ने इसके प्रोडक्शन मॉडल को हरी झंडी दे दी है. रक्षा मंत्रालय ने 27 मई को बताया कि इस प्रोजेक्ट में सरकारी के साथ-साथ निजी कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा. एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) जल्द ही इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी करेगी.

    इस घोषणा के बाद डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में करीब 6% की उछाल देखने को मिली, और निफ्टी डिफेंस इंडेक्स 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 8,674.05 पर पहुंच गया.

    AMCA: आत्मनिर्भर भारत की उड़ान

    भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान प्रोग्राम का यह दूसरा चरण है. पहला चरण हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के साथ शुरू हुआ था. AMCA, तेजस की तुलना में कहीं ज्यादा आधुनिक, ताकतवर और स्टील्थ फीचर्स से लैस होगा. यह भारत का पहला फुल-स्केल स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जिसे रडार पर पकड़ना बेहद मुश्किल होगा.

    अप्रैल 2024 में कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. इसके लिए ₹15,000 करोड़ का बजट तय किया गया है. ADA, जो DRDO के तहत काम करती है, इस प्रोजेक्ट की मुख्य कार्यान्वयन एजेंसी होगी.

    AMCA की तकनीकी खासियतें

    अदृश्यता (Stealth Capability): स्टील्थ डिजाइन और स्पेशल कोटिंग्स के चलते यह विमान दुश्मन के रडार सिस्टम से बच सकेगा.

    वजन और क्षमता: यह फाइटर जेट करीब 70,000 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम होगा.

    सुपरमेन्युवरेबिलिटी: एयरक्राफ्ट में थ्रस्ट वेक्टरिंग और डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम जैसे फीचर्स होंगे, जिससे यह हवा में अविश्वसनीय गतिशीलता दिखा सकेगा.

    मल्टीरोल प्लेटफॉर्म: यह विमान हवा से हवा, हवा से जमीन और समुद्री हमलों में दक्ष होगा.

    इंटीग्रेशन क्षमता: भारत के मौजूदा हथियार सिस्टम जैसे ब्रह्मोस, अस्त्र मिसाइल आदि को इससे जोड़ा जा सकेगा.

    तेजस से लेकर AMCA तक का सफर

    भारत की फाइटर जेट निर्माण यात्रा की शुरुआत हुई थी तेजस से, जो एक हल्का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है. तेजस MK-1 और उसका अपग्रेडेड वर्जन MK-1A पहले ही भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुके हैं.

    30 जुलाई को तेजस MK-1 को जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा एयरबेस पर तैनात किया गया, जिससे घाटी में संवेदनशील इलाकों में वायुसेना की ताकत बढ़ी है.

    तेजस की चार प्रमुख खूबियां:

    • 50% स्वदेशी कलपुर्जे: यह Make in India का असली उदाहरण है.
    • इजरायली रडार: EL/M-2052 AESA रडार से लैस, जो एक साथ 10 टारगेट ट्रैक कर सकता है.
    • शॉर्ट टेकऑफ: महज 460 मीटर के रनवे से उड़ान भरने की क्षमता.
    • हल्का और घातक: वजन महज 6,500 किलोग्राम, लेकिन क्षमता किसी भी फुल-साइज फाइटर के बराबर.

    निजी कंपनियों को क्यों जोड़ा जा रहा है?

    AMCA के निर्माण में निजी कंपनियों को जोड़ने का फैसला भारतीय डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को गति देने और प्रोजेक्ट की डिलीवरी टाइमलाइन कम करने के लिए लिया गया है. इससे टेक्नोलॉजी का तेजी से ट्रांसफर होगा, रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और देश की रक्षा उत्पादन क्षमता में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होगी.

    नजरें अब 2025 पर

    रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य है कि 2025 तक AMCA का पहला संस्करण भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए तैयार हो जाए. इससे भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास स्वदेशी रूप से विकसित फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट होगा.

    ये भी पढ़ें- Su-57E फाइटर जेट के लिए रूस को मिला पहला खरीदार, क्या भारत के साथ भी होगी डील?