Gaza and Hamas War: गाज़ा पट्टी में चल रहे सैन्य अभियानों के दौरान इजरायली सुरक्षाबलों को सुरंगों में कुछ ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं, जो 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले की पृष्ठभूमि को और साफ कर देते हैं. ये दस्तावेज़ बताते हैं कि यह हमला सिर्फ हिंसा फैलाने या आतंक का चेहरा दिखाने की कोशिश नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक रणनीतिक साज़िश थी. इजरायल और सऊदी अरब के बीच बनते कूटनीतिक रिश्तों को पटरी से उतारना.
क्या हुआ था 7 अक्टूबर को?
7 अक्टूबर 2023 की सुबह, हमास ने ज़मीन, हवा और समुद्र—तीनों रास्तों से एक साथ इजरायल पर हमला बोला. यह हमला अभूतपूर्व था. आतंकियों ने करीब 1,200 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी, सैकड़ों घायल हुए और लगभग 250 नागरिकों को अगवा कर गाज़ा ले जाया गया. इजरायली सुरक्षाबलों को हमलावरों को खत्म करने में कई दिन लग गए.
हमास की असली मंशा क्या थी?
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना को सुरंगों में ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं जिनमें 2 अक्टूबर 2023 को हुई उच्च स्तरीय बैठकों का जिक्र है. इन बैठकों में हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार और तत्कालीन सैन्य प्रमुख मोहम्मद देइफ शामिल थे. दस्तावेज़ों के अनुसार, हमले का मूल उद्देश्य था “इजरायल और सऊदी अरब के बीच सामान्य होते रिश्तों को खत्म करना, जिसे हमास अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता था.”
अब्राहम समझौते और बिगड़ती शांति प्रक्रिया
2020 में अमेरिका की पहल पर हुए अब्राहम समझौते के बाद इजरायल ने संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मोरक्को जैसे अरब देशों के साथ रिश्ते सामान्य किए थे. जब जो बाइडेन प्रशासन के तहत इजरायल-सऊदी अरब समझौता अंतिम दौर में था, तब यह हमला हुआ. यानी हमास ने कूटनीतिक समीकरण बिगाड़ने के लिए युद्ध का सहारा लिया.
हमास नेतृत्व का अंत
हमले की साज़िश में शामिल दोनों बड़े नाम सिनवार और देइफ अब इस दुनिया में नहीं हैं. सिनवार को इजरायली ज़मीनी बलों ने एक ऑपरेशन के दौरान मार गिराया. देइफ, जो हमास की सैन्य गतिविधियों का चेहरा था, हवाई हमले में मारा गया. इस हमले के पीछे से भी एक नाम उभरा—इस्माइल हनीया, जो हमास का सर्वोच्च नेता था और जो उस वक्त ईरान की राजधानी तेहरान में मौजूद था. उसके मारे जाने के बाद हमास की कमान सिनवार के हाथ में आई थी.
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