मेट्रो गेट में नहीं अटकेगा बैग या फिर दुपट्टा, DMRC ला रही कमाल का फीचर; जानें कैसे करेगा काम?

    दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक राहत देने वाली खबर है. मेट्रो ट्रेन के दरवाजे बंद होते समय अक्सर बैग, कपड़े या अन्य सामान फंस जाने की घटनाएं होती रही हैं, जिनसे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है.

    Metro Test Dmrc drag system to prevent clothes and bags
    Image Source: ANI

    दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक राहत देने वाली खबर है. मेट्रो ट्रेन के दरवाजे बंद होते समय अक्सर बैग, कपड़े या अन्य सामान फंस जाने की घटनाएं होती रही हैं, जिनसे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. इसी समस्या को सुलझाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने एक नई पहल शुरू की है. अब मेट्रो ट्रेनों में एक एंटी-ड्रैग सिस्टम लगाया जाएगा, जो इन खतरनाक स्थितियों से बचने के लिए सुरक्षा उपाय प्रदान करेगा.

    दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने बताया कि इस समय ट्रायल के तौर पर एक ट्रेन में एंटी-ड्रैग सिस्टम लगाया गया है. इस सिस्टम की खासियत यह है कि अगर मेट्रो के दरवाजों के बीच किसी प्रकार की रुकावट, जैसे बैग या कपड़ा फंस जाता है, तो यह सिस्टम तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा देता है और ट्रेन को आगे बढ़ने से रोकता है.

    क्या है एंटी-ड्रैग सिस्टम?

    इस सुरक्षा उपाय का उद्देश्य यात्रियों के सामान या कपड़े के फंसने से होने वाली चोटों को रोकना है. डीएमआरसी के अधिकारियों के अनुसार, इस सिस्टम के ट्रायल के आधार पर चार और ट्रेनों में यह सुविधा लागू की जाएगी. अगले एक-दो साल तक इसकी निगरानी की जाएगी, और इसके बाद प्रदर्शन के आधार पर इसे अन्य लाइनों और ट्रेनों में भी लागू किया जा सकता है.

    नई सुरक्षा सुविधा का डिजाइन

    एंटी-ड्रैग सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह दरवाजों के बीच किसी भी प्रकार की रुकावट का पता लगाते ही ट्रेन को रोके. आमतौर पर, मेट्रो के दरवाजों के बीच फंसने वाली रुकावट का पता लगाने के लिए दरवाजों की दहलीज 15 मिमी होती है, जिसे अब घटाकर 7 मिमी किया गया है. इससे छोटी रुकावटें भी आसानी से पहचान ली जाएंगी, और ट्रेन को आगे बढ़ने से रोका जा सकेगा. हालांकि, इस सिस्टम से संबंधित एक मुद्दा यह है कि 7 मिमी से कम मोटाई वाली कोई वस्तु दरवाजों के बीच फंसने पर यह सिस्टम काम नहीं करेगा.

    किस लाइनों पर लागू होगा यह सिस्टम?

    डीएमआरसी के एमडी, विकास कुमार के अनुसार, एंटी-ड्रैग सिस्टम मुख्य रूप से पुरानी लाइनों पर लागू होगा. उनका कहना है कि नए चौथे चरण के गलियारों या पिंक और मैजेंटा लाइनों में मेट्रो के दरवाजों के बीच सामान फंसने की समस्या नहीं आएगी, क्योंकि इन लाइनों में प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSDs) लगे होते हैं. हालांकि, पुरानी लाइनों पर यह समस्या अधिक होती है, जहां पीएसडी सिर्फ कुछ व्यस्त स्टेशनों पर ही लगे हैं. चौथे चरण के विस्तार में आने वाले गलियारों में सभी स्टेशनों पर पीएसडी लगाए जाएंगे, जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

    यात्रियों के लिए और भी सुरक्षा उपाय

    डीएमआरसी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ट्रेन के अंदर यात्रियों को चढ़ते और उतरते समय साड़ी, धोती, दुपट्टे और बैग का ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है. इसके लिए मेट्रो में घोषणाएं की जा रही हैं, ताकि यात्रियों को मेट्रो दरवाजों के बीच किसी भी प्रकार की रुकावट से बचने के लिए जागरूक किया जा सके. यह नई पहल दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के लिए सुरक्षा की एक महत्वपूर्ण दिशा में कदम है.

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