बर्न (स्विट्जरलैंड): स्विस आल्प्स में बुधवार को एक भयानक प्राकृतिक आपदा ने सभी को चौंका दिया. लोत्सचेंटल घाटी के पास स्थित ब्लैटन नामक गांव तबाह हो गया, जब एक विशाल ग्लेशियर के टूटने से बर्फ, कीचड़ और चट्टानों का मलबा तेजी से नीचे आया और पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया. घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने करीब 300 लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया.
गांव का 90% हिस्सा मलबे में दबा
प्रशासन के अनुसार, गांव का लगभग 90% भाग भूस्खलन की चपेट में आ गया है. 64 वर्षीय एक स्थानीय निवासी अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश थर्मल कैमरों से लैस ड्रोन के जरिए की जा रही है.
ब्लैटन के मेयर मथियास बेलवाल्ड ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमारा गांव अब नहीं रहा. हम इसे दोबारा बनाएंगे, लेकिन यह एक कठिन और लंबी प्रक्रिया होगी."
लैंडस्लाइड से नदी में मलबा, बाढ़ का खतरा
इस आपदा के कारण पास से बहने वाली लोन्जा नदी भी मलबे से भर गई है, जिससे नदी का बहाव रुक गया है और संभावित बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. स्विस पर्यावरण मंत्री अल्बर्ट रोस्टी ने कहा कि स्थिति और बिगड़ सकती है और सतर्कता बनाए रखना जरूरी है.
INCREDIBLE !!
— Melaine Le Roy (@subfossilguy) May 28, 2025
Here we are... 😱😱😱
After days of overloading and cracks propagating, Birch Glacier collapsed over Blatten today at 3:24 pm and dammed the Lonza river...
Devastating! 😭https://t.co/EgQQjq8YCO pic.twitter.com/gzhf92DRKG
पूर्व चेतावनी के बावजूद आपदा
रिपोर्ट्स के अनुसार, भूगर्भ वैज्ञानिकों ने पहले ही ग्लेशियर के अस्थिर होने की चेतावनी दी थी, यह आशंका जताई गई थी कि करीब 15 लाख घन मीटर बर्फ और चट्टानें गिर सकती हैं. इसी आशंका को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही इलाके से लोगों को हटा लिया था, जिससे कई जानें बच गईं.
क्यों बार-बार हो रही हैं ऐसी आपदाएं?
स्विट्जरलैंड और यूरोप के अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में भूस्खलन, ग्लेशियर टूटने और पर्माफ्रॉस्ट पिघलने की घटनाओं में इज़ाफा हुआ है. विशेषज्ञ इसके पीछे मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन को ज़िम्मेदार मानते हैं:
ग्लोबल वार्मिंग: स्विट्जरलैंड के आधे से अधिक ग्लेशियर पिछले कुछ दशकों में पिघल चुके हैं.
अत्यधिक वर्षा: भारी और अनियमित बारिश मिट्टी को अस्थिर करती है.
भूकंपीय हलचल: आल्प्स क्षेत्र में हल्के भूकंप भी भूस्खलन को ट्रिगर कर सकते हैं.
मानव हस्तक्षेप: सड़क निर्माण और खनन जैसे कार्यों से ढलानों की प्राकृतिक संरचना कमजोर हो जाती है.
स्विट्जरलैंड: सुंदरता की धरती पर छिपे खतरे
स्विट्जरलैंड, जिसे विश्व की सबसे सुंदर जगहों में गिना जाता है, मिडिल यूरोप का एक लुभावना पर्वतीय देश है. 41,285 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देश का लगभग 60% भाग आल्प्स पर्वत श्रृंखला से ढका हुआ है. यहीं स्थित हैं विश्व प्रसिद्ध माउंट जंगफ्राउ, मोंट ब्लांक जैसी चोटियां और ग्लेशियर.
पर्यावरणीय संकटों के मद्देनज़र, स्विट्जरलैंड सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे कि:
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