पाकिस्तान से कनेक्शन, जर्मनी के हथियार, गजवा-ए-हिंद की साजिश... संभल हिंसा की रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे

    उत्तर प्रदेश के संभल जिले में नवंबर 2024 में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के मामले में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है.

    Many big revelations in the report of Sambhal violence
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    उत्तर प्रदेश के संभल जिले में नवंबर 2024 में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के मामले में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है. रिपोर्ट में न सिर्फ विदेशी हथियारों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है, बल्कि इसके तार अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों और लंबे समय से चल रही जनसंख्या असंतुलन की रणनीति से भी जुड़ते दिखाई दे रहे हैं.

    यह रिपोर्ट 450 पन्नों की है, जिसे उच्च न्यायिक जांच आयोग द्वारा तैयार किया गया है. आयोग का गठन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 28 नवंबर 2024 को किया गया था, जिसमें एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को मामले की तह तक जाने की जिम्मेदारी दी गई थी.

    क्या हुआ था 24 नवंबर 2024 को?

    घटना की शुरुआत 24 नवंबर को संभल की शाही जामा मस्जिद में किए गए एक भूमि सर्वे के दौरान हुई थी. जैसे ही प्रशासनिक टीम वहां पहुंची, हिंसा भड़क उठी. इस दौरान:

    • 4 नागरिकों की मौत हो गई
    • 29 पुलिसकर्मी घायल हुए
    • दर्जनों वाहन फूंके गए
    • कई दुकानों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया

    इस अचानक फैली हिंसा के बाद यह संदेह और गहराने लगा कि यह सिर्फ एक स्थानीय प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि कहीं न कहीं इसके पीछे एक गहरी साजिश छुपी हुई थी.

    जांच में सामने आए हैरान कर देने वाले तथ्य

    विदेशी हथियारों की मौजूदगी

    घटनास्थल से जो हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए, उनकी जांच जब विशेष शस्त्र विशेषज्ञों की टीम ने की, तो यह सामने आया कि:

    • कुछ हथियार जर्मनी में निर्मित थे
    • मौके से अमेरिका और पाकिस्तान में बने कारतूस भी मिले
    • इन सभी हथियारों की कानूनी खरीद-फरोख्त का कोई रिकॉर्ड नहीं था

    इससे यह स्पष्ट होता है कि इन हथियारों को अवैध माध्यमों से देश में लाया गया और सुनियोजित ढंग से हिंसा फैलाने के लिए उपयोग किया गया.

    क्या है आतंकी नेटवर्क का कनेक्शन?

    रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा के पीछे 'गजवा-ए-हिंद' नामक कट्टरपंथी विचारधारा प्रेरित नेटवर्क की भूमिका पाई गई. इस नेटवर्क से जुड़े संगठन जो नामजद हुए हैं, उनमें शामिल हैं:

    • अलकायदा
    • हरकत-उल-मुजाहिदीन
    • तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP)

    मुख्य साजिशकर्ता मौलाना आसिम उमर

    रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल रूप से संभल का रहने वाला मौलाना आसिम उमर, जो अलकायदा का शीर्ष कमांडर रह चुका है और अमेरिका की वांटेड लिस्ट में शामिल था, इस हिंसा की रणनीति का प्रमुख मास्टरमाइंड रहा है. हालांकि, वह अफगानिस्तान में एक अमेरिकी हमले में मारा गया, लेकिन उसके नेटवर्क की जड़ें संभल में अब भी सक्रिय पाई गईं.

    अन्य नाम जो सामने आए

    • अहमद रजा उर्फ शाहरुख – हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा
    • मोहम्मद आसिफ – अलकायदा इंडिया का मौजूदा चीफ
    • जफर मसूद – आतंकी भर्ती गतिविधियों में शामिल

    इन सभी का उद्देश्य भारत के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में अराजकता और धार्मिक तनाव को बढ़ावा देना था.

    संभल में जनसंख्या संतुलन की साजिश

    रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बातें केवल हथियारों से जुड़ी नहीं थीं. जांच आयोग ने संभल की जनसंख्या में हो रहे बदलावों और उसके पीछे चल रही गहरी साजिश की तरफ भी इशारा किया.

    • 1947 में हिंदू जनसंख्या 45% थी, जो अब घटकर 15-20% रह गई है
    • इसका कारण सुनियोजित पलायन, लव जिहाद, दंगे, और धार्मिक स्थलों पर कब्जे जैसी गतिविधियां बताई गई हैं
    • कई प्राचीन मंदिरों पर कब्जा करने, हिंदू लड़कियों को फंसाने, और दंगों के बाद धमकाने की घटनाओं का जिक्र भी रिपोर्ट में किया गया है

    जांच समिति के अनुसार, यह सब मिलकर एक 'डेमोग्राफिक इंजीनियरिंग' का हिस्सा है, जिसके जरिए कुछ क्षेत्रों की धार्मिक और सामाजिक संरचना को रणनीतिक रूप से बदला जा रहा है.

    सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर गंभीर आरोप

    सपा के वर्तमान सांसद जियाउर्रहमान बर्क और उनके परिजनों का नाम भी जांच रिपोर्ट में सामने आया है. रिपोर्ट के अनुसार:

    • उन्होंने कथित तौर पर दंगाइयों को संरक्षण दिया
    • उनकी राजनीतिक पहुंच के कारण एफआईआर दर्ज करने में टालमटोल की गई
    • उन्होंने CAA विरोध के समय 6 दिन तक बाजार बंद रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया

    इन पहलुओं की पुष्टि के लिए कई स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों के बयान भी रिपोर्ट का हिस्सा बनाए गए हैं.

    संभल में सुरक्षा व्यवस्था हुई सख्त

    जैसे ही यह रिपोर्ट मीडिया में लीक हुई, राज्य सरकार ने संभल जिले में सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं. विशेष सतर्कता के तहत:

    • RAF और PAC बल की अतिरिक्त तैनाती
    • संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च
    • संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज़

    राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि नजर में आते ही तुरंत कार्रवाई की जाए.

    ये भी पढ़ें- 'भारत ने छोड़ा पानी तो लाशें, मवेशी और मलबे...' डूब रहा पाकिस्तान, फिर भी जहर उगल रहे ख्वाजा आसिफ