डॉ. मनसुख मांडविया ने की 'युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन' की घोषणा, नशामुक्त समाज के लिए तैयार किया जाएगा रोडमैप

    केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ‘विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा’ विषय पर आधारित ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ के आयोजन की औपचारिक घोषणा की है.

    Mansukh Mandaviya announces Youth Spiritual Summit
    Image Source: ANI

    नई दिल्ली: केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ‘विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा’ विषय पर आधारित ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ के आयोजन की औपचारिक घोषणा की है. यह तीन दिवसीय आयोजन 18 से 20 जुलाई, 2025 के बीच वाराणसी के पवित्र गंगा घाटों पर आयोजित होगा.

    इस पहल का उद्देश्य भारत के युवाओं को मादक पदार्थों की लत से दूर रखने और उन्हें समाज के जागरूक, स्वस्थ और सशक्त भागीदार के रूप में आगे लाने का है.

    युवा: अमृत काल के अग्रदूत

    प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. मांडविया ने कहा, "युवा अमृत काल के पथप्रदर्शक हैं. विकसित भारत के निर्माण में उनकी भूमिका केवल सहभागी नहीं, बल्कि निर्णायक है."

    भारत की 65% से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है, और औसत आयु केवल 28 वर्ष — यह डेमोग्राफिक डिविडेंड भारत को एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की क्षमता प्रदान करता है.

    लेकिन मंत्री ने यह भी चेताया कि मादक द्रव्यों का सेवन इस युवा शक्ति के समक्ष एक गंभीर सामाजिक और विकासात्मक चुनौती है.

    राष्ट्रीय स्तर पर नशा विरोधी अभियान

    इस खतरे से निपटने के लिए सरकार स्वयंसेवी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और आध्यात्मिक संगठनों के सहयोग से एक समग्र और समावेशी नशा-विरोधी अभियान शुरू कर रही है. 

    इसका केंद्रबिंदु बनेगा 'युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन', जहां- 100 आध्यात्मिक संगठनों की युवा इकाइयों के लगभग 500 प्रतिनिधि एकत्रित होंगे. वे आत्मचिंतन, विचार-विमर्श और रणनीति निर्माण के माध्यम से नशा उन्मूलन की दिशा में ठोस पहल करेंगे.

    सम्मेलन का समापन एक “काशी घोषणापत्र” के साथ होगा, जो नशामुक्त भारत के लिए एक राष्ट्रीय रोडमैप प्रस्तुत करेगा.

    चार विषयगत सत्रों में गहन चर्चा

    सम्मेलन के दौरान निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर चार पूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे:

    • नशे की लत और युवाओं पर उसका प्रभाव
    • नशा तस्करी नेटवर्क और व्यावसायिक हितों की पहचान व निराकरण
    • प्रभावी जनजागरूकता अभियान और संवाद
    • 2047 तक नशामुक्त भारत की प्रतिबद्धता और कार्यनीति

    इन सत्रों में विशेषज्ञ वक्ता, पैनल चर्चाएं और खुले मंच (ओपन व्हाइटबोर्ड) की व्यवस्था होगी ताकि हर प्रतिभागी अपनी राय और सुझाव साझा कर सके.

    कारगिल विजय दिवस पर विशेष पदयात्रा

    डॉ. मांडविया ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष पदयात्रा की भी घोषणा की. यह पदयात्रा 'माई भारत' के स्वयंसेवकों, स्थानीय युवाओं, युवा क्लबों और सेना के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ आयोजित की जाएगी. इसका उद्देश्य फिट इंडिया अभियान को बढ़ावा देना और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है.

    एक जन आंदोलन की शुरुआत

    डॉ. मांडविया ने कहा, "यह सम्मेलन केवल संवाद का मंच नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय जन आंदोलन का प्रारंभ होगा — जिसका लक्ष्य है नशे के स्रोतों की पहचान कर उन्हें जड़ से समाप्त करना और भारत को एक नशामुक्त राष्ट्र बनाना."

    सम्मेलन और पदयात्रा से जुड़ी सभी जानकारियां ( https://mybharat.gov.in/ ) पर उपलब्ध होंगी.