मैनचेस्टर टेस्ट में भारतीय टीम के नायक रविंद्र जडेजा ने अपनी शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी से एक अहम भूमिका निभाई, जिससे भारत को इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ हासिल हुआ. जडेजा ने अपनी नाबाद 107 रन की पारी के साथ टीम को संकट से उबारा और मैच को ड्रॉ की ओर ले गए. हालांकि, इस अद्वितीय प्रदर्शन के बावजूद पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का मानना है कि जडेजा में विदेशी परिस्थितियों में टेस्ट जीतने की क्षमता नहीं है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर जडेजा की आलोचना करते हुए कहा, "मैंने जडेजा की बहुत तारीफ की है, लेकिन उनका प्रदर्शन विदेशों में टेस्ट मैच जीतने में मददगार नहीं है." सिद्धू का कहना था कि जडेजा ने विदेशी धरती पर कभी मैच जीतने में अपनी टीम की मदद नहीं की.
सिद्धू की आलोचना और जडेजा का विदेशों में प्रदर्शन
उन्होंने यह भी कहा कि जडेजा की भूमिका विदेशों में हमेशा सहायक रही है, जबकि उनके पास मैच जीतने की क्षमता की कमी नजर आती है.सिद्धू ने यह भी उदाहरण दिया कि कपिल देव, जो एक महान बोलिंग ऑलराउंडर थे, ने विदेशों में भारत के लिए कई महत्वपूर्ण टेस्ट मैच जीतें. उनके अनुसार, जडेजा को टेस्ट मैच जीतने के लिए वही मानसिकता और कौशल दिखाना होगा.
जडेजा की मैनचेस्टर टेस्ट में भूमिका
मैनचेस्टर टेस्ट में जडेजा ने न केवल गेंदबाजी में अहम भूमिका निभाई, बल्कि बल्लेबाजी में भी वो भारतीय टीम के लिए एक पत्थर की तरह खड़े रहे. भारत की दूसरी पारी में जडेजा का नाबाद शतक टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ. उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर इंग्लैंड के गेंदबाजों को हराया और ड्रॉ को सुनिश्चित किया. जडेजा और सुंदर ने एक-दूसरे का साथ देते हुए असमान पिच पर इंग्लैंड के गेंदबाजों को मात दी.
लॉर्ड्स टेस्ट में भी था जडेजा का जुझारूपन
लॉर्ड्स टेस्ट में भी जडेजा का प्रदर्शन प्रभावशाली था. उस मैच में उन्होंने नाबाद 61 रन बनाकर भारत की हार को कुछ हद तक टालने की कोशिश की, हालांकि टीम को 22 रन से हार का सामना करना पड़ा. इस टेस्ट के बाद जडेजा के प्रदर्शन को लेकर कई बहसें हुईं. कुछ विशेषज्ञों और पूर्व क्रिकेटरों ने उनके जुझारूपन की सराहना की, वहीं कुछ ने उनकी बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठाए. भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भी कहा था कि यदि जडेजा अपनी बैटिंग के दौरान बेन स्टोक्स जैसा आत्मविश्वास रखते, तो वे और भी ज्यादा मैच जीत सकते थे. पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भी यह सुझाव दिया था कि जडेजा को लॉर्ड्स में और अधिक सकारात्मक मानसिकता अपनानी चाहिए थी, ताकि टीम को जीतने का मौका मिल सके.
जडेजा का भविष्य और विदेशी धरती पर भारत की चुनौती
हालांकि जडेजा अपने घरेलू मैदानों पर भारत के लिए एक अनमोल रत्न हैं, विदेशी धरती पर उन्हें टेस्ट मैच जीतने में अधिक प्रभावी भूमिका निभानी होगी. यह देखा जाएगा कि आगे आने वाले टेस्ट मैचों में जडेजा क्या प्रदर्शन करते हैं और क्या वे अपनी बैटिंग और गेंदबाजी से टीम को विदेशी मैदानों पर जीत दिला पाते हैं.
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