'अबे चल हट लेसबियन', बिग-बॉस हाउस से बाहर आने के बाद लोग कैसे मालती चाहर के साथ कर रहे रिएक्ट

    सलमान खान के चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस 19 में बतौर वाइल्ड कार्ड एंट्री लेने वाली एक्ट्रेस और फिल्ममेकर मालती चाहर ने शो से बाहर आने के बाद अपने साथ हुए व्यवहार को लेकर खुलकर बात की है.

    Malti Chahar reveals on trolling over saying lesbian her in bigg boss house
    Image Source: Social Media

    सलमान खान के चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस 19 में बतौर वाइल्ड कार्ड एंट्री लेने वाली एक्ट्रेस और फिल्ममेकर मालती चाहर ने शो से बाहर आने के बाद अपने साथ हुए व्यवहार को लेकर खुलकर बात की है. मालती ने बताया कि घर से बाहर निकलने के बाद उन्हें सोशल मीडिया और पब्लिक प्लेटफॉर्म पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, जहां लोग उनकी निजी पहचान को लेकर अभद्र टिप्पणियां कर रहे थे.

    मालती चाहर का कहना है कि बिग बॉस हाउस में उन पर जो ठप्पा लगाया गया, वह शो के बाहर भी पीछा करता रहा. पिंकविला को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि लोग उन्हें ‘लेस्बियन’ कहकर ताने मार रहे हैं और इसे गाली की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. मालती ने कहा, “जब मैं बाहर आई तो देखा कि लोग कमेंट कर रहे हैं—‘अबे लेस्बियन, चल हट’. तब मुझे लगा कि कब से लेस्बियन कोई गाली बन गई?”

    कैसे बना उनकी पहचान पर सवाल

    मालती ने यह भी स्पष्ट किया कि घर के अंदर उनके व्यवहार को गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने बताया कि जब वह किसी पुरुष कंटेस्टेंट से सहज बातचीत करती थीं तो तुरंत उन्हें जोड़कर देखा जाता था, और जब किसी महिला कंटेस्टेंट से दोस्ताना व्यवहार करती थीं तो उनकी सेक्सुअलिटी पर सवाल खड़े कर दिए जाते थे. मालती का कहना है कि किसी ने उनसे कभी सीधे यह जानने की कोशिश नहीं की कि उनकी पहचान क्या है, बल्कि बिना पूछे ही एक कहानी गढ़ ली गई. उनके मुताबिक, यह सब उन्हें नीचा दिखाने के इरादे से किया गया.

    ‘लेस्बियन होना कोई गलत बात नहीं’

    मालती चाहर ने साफ कहा कि वह स्ट्रेट हैं, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि किसी की भी सेक्सुअलिटी को अपमान का जरिया बनाना गलत है. उन्होंने कहा, “अगर कोई लेस्बियन है तो उसमें बुरा क्या है? यह किसी की पहचान है, गाली नहीं. लोगों ने अपनी पहचान को स्वीकार करने के लिए समाज और सिस्टम से लड़ाई लड़ी है.”

    सोच पर उठाया सवाल

    मालती ने माना कि घर के भीतर कई बार उन्हें कमजोर दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन ऐसे कमेंट्स से उन्हें व्यक्तिगत तौर पर ठेस नहीं पहुंची. उनका कहना है कि इस तरह की बातें दरअसल टिप्पणी करने वालों की सोच को उजागर करती हैं.उन्होंने कहा कि किसी की सेक्सुअलिटी पर टिप्पणी करना न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि यह यह भी दिखाता है कि समाज को अब भी इस मुद्दे पर समझ और संवेदनशीलता की जरूरत है.

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