VIDEO: 35 प्रतिशत मार्क्स पर ही पूरे मोहल्ले में जश्न... आरती उतारी, कंधे पर घुमाया; ऐसा नजारा नहीं देखा होगा

    शिवम के परिवार को लगा था कि वह परीक्षा में फेल हो जाएगा. खुद शिवम भी नतीजों को लेकर डरे हुए थे. लेकिन जब रिजल्ट आया और उन्होंने देखा कि वह हर विषय में पास हो गया है, तो पूरे मोहल्ले में मानो जश्न शुरू हो गया.

    Maharashtra 10th Board Results 2025 Solapur student Shivam Waghmare scored 35% family celebrated
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    Maharashtra 10th Board Results 2025: जब बोर्ड के नतीजे आते हैं, तो आमतौर पर चर्चा टॉपर्स की होती है. लेकिन इस बार महाराष्ट्र के सोलापुर से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो बताती है कि सफलता सिर्फ अंकों की नहीं होती, बल्कि उम्मीद, संघर्ष और आत्मविश्वास की भी होती है. हम बात कर रहे हैं सोलापुर के सिद्धेश्वर बालक मंदिर स्कूल के छात्र शिवम वाघमारे की, जिसने 10वीं की परीक्षा में कोई भी विषय फेल किए बिना हर विषय में न्यूनतम यानी 35% अंक हासिल कर पास होने का कारनामा कर दिखाया. और यही मामूली-सी लगने वाली सफलता, आज पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

    घर वालों को नहीं थी उम्मीद

    शिवम के परिवार को लगा था कि वह परीक्षा में फेल हो जाएगा. खुद शिवम भी नतीजों को लेकर डरे हुए थे. लेकिन जब रिजल्ट आया और उन्होंने देखा कि वह हर विषय में पास हो गया है, तो पूरे मोहल्ले में मानो जश्न शुरू हो गया. मिठाइयां बंटी, जुलूस निकला और सबसे बड़ी बात ये कि शिवम को पहली बार खुद पर भरोसा हुआ.

    "अब अगली बार और मेहनत करूंगा"

    अपनी सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवम ने कहा, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं पास हो जाऊंगा. मैंने हर विषय में 35 अंक लाए — यह मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं है. अब मैं और मेहनत करूंगा और ITI में दाखिला लेना चाहता हूं." शिवम के पिता ने भावुक होकर कहा, "हमें लगा था बेटा फेल हो जाएगा, लेकिन वह पास हो गया — यही हमारे लिए बड़ी बात है. अब हमें अपने बेटे पर गर्व है."

    टॉपर्स की भीड़ में अनोखी सफलता

    महाराष्ट्र बोर्ड के अनुसार इस वर्ष 10वीं में 94.10% छात्र सफल हुए, जिसमें लड़कियों का परिणाम लड़कों से बेहतर रहा. लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 96.14% रहा, जबकि लड़कों का 92.31% रहा है. लेकिन इस भीड़ में शिवम जैसे छात्र की कहानी यह साबित करती है कि कभी-कभी "कम नंबर" भी बड़ी कहानी कह जाते हैं. उनकी सफलता न सिर्फ उनकी अपनी है, बल्कि उन तमाम छात्रों के लिए प्रेरणा है जो संघर्ष कर रहे हैं, डरे हुए हैं या खुद पर विश्वास खो चुके हैं.

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