MP News: मध्य प्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में निर्यात के क्षेत्र में नया इतिहास रचते हुए 66,218 करोड़ रुपये का सर्वाधिक निर्यात दर्ज किया है. यह उपलब्धि पिछले वर्ष की तुलना में 6% अधिक है, जिसमें फार्मास्यूटिकल, इंजीनियरिंग गुड्स और सोया आधारित उत्पादों की अहम भूमिका रही. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, मर्केंडाइज एक्सपोर्ट में पूरा 66,218 करोड़ रुपये का योगदान रहा, जबकि स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से आईटी कंपनियों ने 4,038 करोड़ रुपये का निर्यात किया. इस बढ़त की बदौलत प्रदेश की राष्ट्रीय निर्यात रैंकिंग 15वें स्थान से सुधरकर 11वें स्थान पर पहुंच गई है.
सफलता के पीछे कारण
रिपोर्ट बताती है कि निवेश-अनुकूल नीतियां, औद्योगिक विकास को प्राथमिकता, और निर्यात प्रोत्साहित करने वाली अधोसंरचना का विस्तार, इस उपलब्धि के मुख्य कारण हैं. राज्य में औद्योगिक आधार के विस्तार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मध्य प्रदेश के उत्पादों के प्रति बढ़ती मांग ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. फार्मास्यूटिकल, एनिमल फीड, मशीनरी, एल्युमिनियम और टेक्सटाइल जैसे सेक्टर लंबे समय से शीर्ष निर्यात श्रेणी में बने हुए हैं. बांग्लादेश, फ्रांस, यूएई और नीदरलैंड जैसे देशों ने मध्य प्रदेश को बड़ा बाजार प्रदान किया है, जबकि फार्मास्यूटिकल और मशीनरी उत्पादों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा गंतव्य बना हुआ है.
निर्यात के आंकड़े और रुझान
वर्ष 2024-25 में प्रदेश से 11,968 करोड़ रुपये के फार्मास्यूटिकल्स, 6,062 करोड़ रुपये के एनिमल फीड, 4,795 करोड़ रुपये के एल्युमिनियम, 4,656 करोड़ रुपये के टेक्सटाइल और 5,497 करोड़ रुपये की मशीनरी का निर्यात हुआ. बीते छह वर्षों में निर्यात में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है—2019-20 में 37,692 करोड़, 2020-21 में 47,959 करोड़, 2021-22 में 58,407 करोड़, 2022-23 में 65,878 करोड़, 2023-24 में 65,255 करोड़ और 2024-25 में 66,218 करोड़ रुपये. इसमें स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से हुए निर्यात के आंकड़े भी शामिल हैं.
जिलावार प्रदर्शन
धार जिला 17,830 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ शीर्ष पर रहा. इंदौर ने 13,500 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया, जिसमें फार्मास्यूटिकल, ऑटोमोटिव और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर शामिल हैं. उज्जैन ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 2,288 करोड़ रुपये का निर्यात किया, जिसमें औद्योगिक, कृषि-आधारित और खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद प्रमुख रहे.
सरकार की भूमिका और भविष्य की दिशा
राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया है. इन प्रयासों से न केवल प्रदेश की आर्थिक आकांक्षाएं पूरी हुईं, बल्कि देश के कुल निर्यात में भी मध्य प्रदेश का योगदान उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रफ्तार बरकरार रही तो आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश निर्यात के क्षेत्र में और बड़ी छलांग लगा सकता है.
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