Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रोज़ाना जाम की समस्या लोगों के धैर्य और समय दोनों की परीक्षा लेती है. लेकिन अब इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सेतु निगम ने 46 नए ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है. यह प्रस्ताव लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि योजना को मंजूरी मिलते ही ब्रिजों का निर्माण कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा.
कहां-कहां बनेंगे ये ब्रिज?
यह योजना लखनऊ के 8 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करती है. सरोजनी नगर में 10 ब्रिज बनेंगे. मलिहाबाद में 7 ब्रिज बनेंगे. बख्शी तालाब में 7 ब्रिज बनाए जाएंगे. लखनऊ पश्चिम में 6 ब्रिज बनेंगे. वहीं लखनऊ पूर्वी और मध्य में 5-5 ब्रिज बनाए जाएंगे. इसके अलावा लखनऊ उत्तर में 3 ब्रिज और मोहनलालगंज में 4 ब्रिज बनाए जाएंगे. इन सभी ब्रिजों को भीड़भाड़ वाले प्रमुख इलाकों से जोड़ा जाएगा, ताकि ट्रैफिक का दबाव कम हो और शहरवासियों को राहत मिले.
समय और ईंधन दोनों की बचत
जाम की वजह से लखनऊ के नागरिकों को रोजाना कई घंटे सड़कों पर बर्बाद करने पड़ते हैं, जिससे न केवल उनका समय बल्कि ईंधन भी व्यर्थ होता है. गोमती नगर निवासी राहुल सिंह कहते हैं, "अगर ये ब्रिज बनते हैं, तो आने-जाने में समय बचेगा और फालतू ईंधन खर्च नहीं होगा."
शासन की मंजूरी का इंतजार
इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम दोनों सकारात्मक हैं. ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि यह योजना लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने में कारगर साबित होगी. अब सिर्फ शासन से अंतिम मुहर लगने का इंतजार है.
लखनऊ को मिलेगी नई पहचान
ओवरब्रिजों के निर्माण से न केवल ट्रैफिक की समस्या सुलझेगी, बल्कि लखनऊ की सड़क नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी. इससे राजधानी की गिनती आधुनिक और स्मार्ट शहरों में होने लगेगी. लखनऊवासियों को अब उम्मीद है कि यह योजना सिर्फ कागजों तक सीमित न रहकर जल्द हकीकत में तब्दील होगी, ताकि उन्हें ट्रैफिक के झंझट से स्थायी राहत मिल सके.
ये भी पढ़ें: यूपी के 4 जिलों के 142 गांवों में किसानों की किस्मत चमकी, 91 किमी एक्सप्रेसवे के लिए मिला 2030.29 करोड़ रुपए मुआवजा