सांप डंसे या बिजली गिरे.. किसानों का सहारा बनी योगी सरकार, संकट के समय मिलेगी 5 लाख रुपये की मदद

    खेती के दौरान किसी भी अनहोनी का सामना करना न केवल किसान के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने “मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना” शुरू की है, जो किसानों को दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है.

    krishak durghatna kalyan yojana in Uttar Pradesh
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    Krishak Durghatna Kalyan Yojana: किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और उनकी सुरक्षा और कल्याण हर सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. खेती के दौरान किसी भी अनहोनी का सामना करना न केवल किसान के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने “मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना” शुरू की है, जो किसानों को दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है. इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु या गंभीर दिव्यांगता की स्थिति में किसानों और उनके परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है, जो उनके जीवन में आर्थिक सहारा बनने का काम करता है.

    कृषक दुर्घटना कल्याण योजना क्या है?

    यह योजना 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती के दौरान किसी भी दुर्घटना के बाद आर्थिक मदद उपलब्ध कराना है. इस योजना में सिर्फ मौत ही नहीं बल्कि गंभीर अंगभंग (दिव्यांगता) को भी कवर किया गया है. चाहे किसान की मौत हो जाए या वह दोनों हाथ-पैर खो बैठे हों, इस स्थिति में भी सरकार मुआवजा देती है. साथ ही, बटाई पर खेती करने वाले भूमिहीन किसान और खतौनी में दर्ज खातेदार या सह-खातेदार को भी इस योजना का लाभ मिलता है. अगर परिवार में कोई ऐसा सदस्य है जो खेती से जुड़ा है, तो वह भी इस योजना में शामिल किया जा सकता है.

    योजना के प्रमुख लाभ

    दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये तक का मुआवजा. दोनों हाथ-पैर खोने पर 5 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिलती है. एक हाथ और एक पैर खोने पर भी 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है. 25% से 60% तक की दिव्यांगता पर 1 से 3 लाख रुपये की सहायता मिलती है. इसके अलावा आंखों के नुकसान पर भी 5 लाख रुपये तक मुआवजा मिलता है.

    पात्रता क्या है?

    किसान की उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

    योजना 14 सितंबर 2019 के बाद हुई दुर्घटनाओं को कवर करती है.

    किसान के निधन के बाद उसके माता-पिता, पत्नी, बच्चे और पोते-पोतियां आर्थिक मदद के हकदार होते हैं.

    भूमिहीन बटाईदार किसान भी इस योजना के अंतर्गत आते हैं.

    कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में कौन-कौन सी दुर्घटनाएं कवर

    आवेदन कैसे करें?

    ऑफलाइन प्रक्रिया

    दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर परिवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में सूचना देनी होगी. इसके बाद तहसील में आवेदन फॉर्म भरकर जमा करना होता है. पूरी जांच-पड़ताल के बाद मुआवजा दिया जाता है.

    ऑनलाइन प्रक्रिया

    यूपी सरकार के e-district पोर्टल पर जाकर e-sathi पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें. लॉगिन के बाद कृषि विभाग से मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना का फॉर्म भरें. सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन जमा करें.

    जरूरी दस्तावेज

    खतौनी या पंजीकृत पट्टे की सत्यापित प्रति

    बटाईदार के लिए भूमि मालिक का प्रमाण पत्र

    ग्राम प्रधान व लेखाकार का प्रमाण पत्र (यदि मालिक उपलब्ध नहीं हो)

    आयु व आवास प्रमाण पत्र

    परिवार के सदस्यों का विवरण

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