मेरा ब्लड सर्कुलेशन रुक गया... रक्षाबंधन पर खान सर ने बंधवाई 15 हजार से ज्यादा राखियां, देखें वीडियो

    पटना में देश के चर्चित शिक्षक खान सर के साथ हर साल की तरह इस बार भी रक्षाबंधन का आयोजन एक अलग ही अंदाज में हुआ. इस बार 15,000 से अधिक लड़कियां राखी बांधने उनके पास पहुंची, जो उनके प्रति गहरे स्नेह और सम्मान का प्रतीक है.

    Khan Sir celebrated Rakshabandhan 2025 tied more than 15 thousand Rakhis
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    Khan Sir Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन जैसे त्योहार में भाई-बहन के रिश्ते का जश्न मनाना तो आम बात है, लेकिन जब यह रिश्ता किताबों और पढ़ाई से जुड़ जाए, तो उसकी मिठास और भी बढ़ जाती है. राजधानी पटना में देश के चर्चित शिक्षक खान सर के साथ हर साल की तरह इस बार भी रक्षाबंधन का आयोजन एक अलग ही अंदाज में हुआ. इस बार 15,000 से अधिक लड़कियां राखी बांधने उनके पास पहुंची, जो उनके प्रति गहरे स्नेह और सम्मान का प्रतीक है.

    शिक्षा और सुरक्षा का अद्भुत संगम

    खान सर की कोचिंग में पढ़ाई के साथ-साथ सुरक्षा का एहसास भी इन लड़कियों को मिलता है. यही वजह है कि इस बार लड़कियों की संख्या इतनी बढ़ गई कि कार्यक्रम को पहली बार उनकी कोचिंग के बजाय पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित किया गया. खान सर ने अपने छात्रों के लिए 156 तरह के खाने-पीने के आइटम भी खासतौर पर उपलब्ध कराए, जो राखी के बाद सभी बहनों ने मिलकर आनंद उठाए.

    राखी बांधने का लंबा सिलसिला

    सुबह 10 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम दोपहर डेढ़ बजे तक चलता रहा. स्टेज पर बैठे खान सर के हाथों में इतनी राखियां जमा हो गईं कि उनका हाथ सुन्न सा होने लगा. इस पर खान सर ने हंसी-मज़ाक में माइक से कहा, "डॉक्टर को बुलाओ, हाथ का खून रुक गया है." बावजूद इसके राखी बांधने का सिलसिला लगातार चलता रहा, जो उनके छात्रों में उनकी लोकप्रियता और प्यार को दर्शाता है.

    बहनों का ख्याल रखने वाले शिक्षक

    राखी बांधने वाली कई लड़कियों ने कहा कि खान सर सिर्फ बेहतरीन शिक्षक ही नहीं बल्कि एक सच्चे भाई भी हैं. कम फीस में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई और त्योहारों पर मिल रहे डिस्काउंट उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं. उनकी क्लासरूम में लड़कियां सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं, जो इस रिश्ते की गहराई को दर्शाता है.

    "सर, भाभी कहां हैं?"

    जब कई लड़कियों ने मंच से चिल्लाकर पूछा कि "सर भाभी कहां हैं?", तो खान सर ने मजाक में जवाब दिया, "आज बहनों का पर्व है या भाभी का? आज सिर्फ मेरी बहनों का दिन है." खान सर की कोई बहन नहीं है, लेकिन वे अपनी कोचिंग की हर लड़की को अपनी बहन की तरह मानते हैं.

    बता दें कि खान सर अपने टीचिंग करियर के शुरूआती दिनों से रक्षाबंधन के दिन ऐसे आयोजन करते आ रहे हैं. शुरू में यह आयोजन छोटा होता था, लेकिन धीरे-धीरे यह इतना बड़ा हो गया कि आज वे विश्व में शायद इकलौते ऐसे भाई हैं जो हजारों बहनों से राखी बांधवाते हैं. यह न केवल एक त्योहार है, बल्कि एक मजबूत विश्वास और सम्मान का प्रतीक भी है.  

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