'शर्म नहीं आती पाकिस्‍तान को, दरिंदों वाली हरकतें', कश्मीरी महिला ने धो डाला, शहबाज को आएगा हार्ट अटैक!

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ देशभर को झकझोर दिया, बल्कि घाटी के लोगों के दिलों में भी गुस्से की लहर दौड़ा दी.

    Kashmiri woman beats up Shehbaz Munir will be shocked
    शहबाज शरीफ | Photo: X

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ देशभर को झकझोर दिया, बल्कि घाटी के लोगों के दिलों में भी गुस्से की लहर दौड़ा दी. 22 अप्रैल को हुए इस कायराना हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान गई और दर्जनों जख्मी हुए. हमले के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ अब कश्मीर खुद खड़ा हो गया है. घाटी से उठ रही आवाजें बता रही हैं कि अब हालात बदल चुके हैं – अब कश्मीरियों की सोच और संदेश दोनों साफ हैं: "पाकिस्तान, तू न हमारा रहनुमा है और न ही हमारे फैसलों का हकदार."

    "हम निवाला खाएंगे और अपने हिंदुस्तानी भाई-बहनों को भी खिलाएंगे"

    सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक कश्मीरी महिला की बेबाकी ने पूरे देश को गौरव से भर दिया. उस महिला ने पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा कि पहलगाम की इस त्रासदी के बाद कश्मीर और हिंदुस्तान के बाकी हिस्सों के बीच कोई दूरी नहीं बची है. उसने साफ कहा कि इस समय सब एक हैं – न कोई बाहर वाला है, न कोई अलग. कश्मीर की ज़मीन पर आने वाला हर टूरिस्ट, हर नागरिक, अपना है.

    महिला की आवाज़ में जितना गुस्सा था, उतना ही अपनापन भी. उसने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा कि "हम निवाला खाएंगे और अपने हिंदुस्तानी भाई-बहनों को भी खिलाएंगे. यह ज़मीन हमारी है, और इस पर कौन आएगा और कौन नहीं – इसका फैसला हम करेंगे, न कि पाकिस्तान की सेना या उसकी सरकार." उसके मुताबिक पाकिस्तान को इस्लाम या कश्मीर के नाम पर दुनिया को धोखा देने की आदत है, लेकिन अब कश्मीर इन जुमलों में आने वाला नहीं.

    'पाकिस्तान कोई डिक्टेटर नहीं'

    उसने आगे कहा, “पाकिस्तान कोई डिक्टेटर नहीं है, जो हमें बताए कि हमें अपनी ज़िंदगी कैसे जीनी है, किससे मिलना है, या हमारे इलाकों में कौन आ सकता है.” उसने पाकिस्तान की उन साजिशों को भी उजागर किया, जो इस्लाम और मुस्लिम एकता की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश करती हैं. महिला ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा, हिज़्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से कश्मीर का कोई लेना-देना नहीं है और न ही कोई सम्मान.

    गुस्से और दर्द में डूबी इस कश्मीरी महिला की बातों ने एक बार फिर साबित किया है कि अब कश्मीर जाग चुका है. अब वो दौर नहीं रहा जब पाकिस्तान की चालें यहां असर करती थीं. अब घाटी में सिर्फ बंदूक की नहीं, इंसानियत और भाईचारे की आवाज़ बुलंद हो रही है.

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