काशीः प्राचीनता और आधुनिकता के संगम शहर वाराणसी में अब यात्रा का अनुभव और भी रोमांचक होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया गया है. देश का पहला शहरी रोपवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम जल्द ही यहां पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों की यात्रा को ज़मीन से आसमान की ओर ले जाने वाला है.
वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक बनने वाला यह रोपवे न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि तीर्थ और पर्यटन के इस शहर को तकनीकी दृष्टि से भी एक नया आयाम देगा.
कैंट से गोदौलिया: अब सिर्फ 16 मिनट में सफर
वर्तमान में कैंट से गोदौलिया तक सड़क मार्ग से यात्रा करने में 35 से 45 मिनट लगते हैं, लेकिन रोपवे शुरू होने के बाद यही सफर केवल 16 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. यह व्यवस्था खासकर उन यात्रियों के लिए बेहद राहतदायक होगी जो बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए समय की कमी में होते हैं.
निर्माण कार्य अंतिम चरण में
नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ के अनुसार, कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों पर सिविल वर्क लगभग 87% तक पूरा हो चुका है. अब इंटीरियर फिनिशिंग और टेक्निकल इंस्टॉलेशन जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं. पहले चरण का ट्रायल कार्य 30 अप्रैल तक पूरा कर लिया गया है.
सितंबर 2025 तक पूरा होगा निर्माण
वाराणसी के मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने जानकारी दी है कि सितंबर 2025 तक चारों रोपवे स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. माना जा रहा है कि निर्माण कार्य के पूरा होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर सकते हैं. लक्ष्य यह है कि देव दीपावली 2025 से इस अत्याधुनिक रोपवे सेवा का फुल-स्केल ऑपरेशन शुरू कर दिया जाए.
हर दिन 60 हजार यात्रियों की क्षमता
इस रोपवे सिस्टम के शुरू होने के बाद अनुमान है कि हर दिन करीब 60,000 लोग इससे यात्रा कर सकेंगे. यह केवल एक ट्रांसपोर्ट सेवा नहीं, बल्कि एक स्मार्ट सिटी की दिशा में बड़ा कदम होगा, जो काशी की विरासत को आधुनिकता से जोड़ता है.
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