'कल्पनाओं की दुनिया में जा रहा हूं..', कानपुर में आर्टिस्ट ने कर ली खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखी ये बात

    उत्तर प्रदेश के कानपुर के विजय नगर इलाके से ताल्लुक रखने वाले इस होनहार फाइन आर्ट ग्रेजुएट ने शुक्रवार रात आत्महत्या कर ली. सुबह जब मां ने कमरे का दरवाजा खोला, तो अभिषेक फंदे से लटका मिला. इस हृदयविदारक दृश्य ने पूरे परिवार की दुनिया ही उजाड़ दी.

    Kanpur artist Abhishek Gupta end his life hanging leaves note
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Kanpur News: जिस कलाकार के ब्रश ने कई तस्वीरों में जिंदगी के रंग भरे, वही अभिषेक गुप्ता (24) खुद जिंदगी से हार गया. उत्तर प्रदेश के कानपुर के विजय नगर इलाके से ताल्लुक रखने वाले इस होनहार फाइन आर्ट ग्रेजुएट ने शुक्रवार रात आत्महत्या कर ली. सुबह जब मां ने कमरे का दरवाजा खोला, तो अभिषेक फंदे से लटका मिला. इस हृदयविदारक दृश्य ने पूरे परिवार की दुनिया ही उजाड़ दी.

    "कोई नहीं समझ सकता मुझे"

    अभिषेक ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि उसकी मौत के लिए सिर्फ वह खुद जिम्मेदार है. उसने अपने परिवार को किसी भी तरह से दोषी न ठहराने की बात कही. साथ ही, यह भी लिखा कि "शायद मुझे कोई समझ नहीं सका… मैं अपनी कल्पनाओं की दुनिया में वापस जा रहा हूं." यह नोट उसकी टूटती मानसिक स्थिति की एक झलक है, जिसे वह किसी से खुलकर कह नहीं सका.

    अभिषेक के सुसाइड नोट में लिखी बातें दिल को दहला देने वाली हैं. उसने लिखा था, "मुझे माफ कर देना, सारी गलती मेरी है. मेरा परिवार निर्दोष है, उन्हें कुछ भी ना करें. शायद इस दुनिया में कोई नहीं जो मुझे समझ सके. मैं बस इतना चाहता हूं कि मेरी गलतियों की सजा मेरे परिवार को न दी जाए. उन्होंने कुछ भी नहीं किया. सारी चीजें पहले जैसी हो जाएं, जैसी होती थीं. प्लीज, मेरी ये लास्ट इच्छा पूरी कर दो. मैं अपनी कल्पनाओं की दुनिया में वापस जा रहा हूं."

    रंगों से भरी जिंदगी में धीरे-धीरे घुलता गया सन्नाटा

    अभिषेक ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया था और अपने हुनर के लिए उसे एक आर्ट गैलरी में सम्मानित भी किया गया था. उसके बाद उसे चौबेपुर स्थित लोहिया ग्रुप में नौकरी मिली. नौकरी से घर की आर्थिक हालत सुधरने लगी थी. डेढ़ साल पहले बहन की शादी भी अभिषेक ने ही कराई थी. लेकिन कंपनी में छंटनी की चर्चा और व्यक्तिगत तनाव ने उसकी सोच को भीतर से तोड़ दिया.

    परिवार था पूजा की तैयारी में व्यस्त

    शनिवार को घर में पूजा का आयोजन था. बहन कीर्ति और उसके पति भी घर आए थे. हंसी, रौनक, और पारिवारिक माहौल सब कुछ सामान्य था. लेकिन इसी दौरान अभिषेक के मन में गहराता अंधेरा धीरे-धीरे सब कुछ निगल गया. रात को जब सब सो गए, अभिषेक ने फांसी लगा ली. परिवार के मुताबिक, अभिषेक काफी समय से अवसाद में था. वह कम बोलता था, लेकिन अंदर ही अंदर काफी कुछ झेल रहा था. उसकी काउंसिलिंग भी कराई गई थी, मगर शायद वो मदद उसके दर्द के मुकाबले काफी कम थी. काकादेव थाना प्रभारी के मुताबिक, कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया गया है. फोरेंसिक टीम जांच कर रही है. हालांकि, आत्महत्या के पीछे की ठोस वजह अभी सामने नहीं आ सकी है.

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