जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक बार फिर से अपराध की दुनिया का एक खौफनाक नाम लौट आया है- 'कच्छा-बनियान गिरोह'. वर्षों से देश के कई हिस्सों में अपने क्रूर और सुनियोजित अपराधों के लिए बदनाम यह गिरोह अब फिर से जयपुर की शांति को चुनौती देता नज़र आ रहा है. बीते बुधवार की रात शहर के दो अलग-अलग इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों ने न केवल स्थानीय लोगों को दहशत में डाला बल्कि पुलिस महकमे को भी हाई अलर्ट पर ला दिया.
गणेश नगर में रात के अंधेरे में घुसे बदमाश
मुहाना थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गणेश नगर निवासी बाबूलाल चौधरी ने पुलिस में जो रिपोर्ट दर्ज कराई, वह स्थिति की गंभीरता को बयां करती है. बाबूलाल के अनुसार, रात करीब 2 बजे, छह हथियारबंद बदमाश उनके मकान की दीवार फांदकर अंदर घुस आए. इन सभी बदमाशों की खास पहचान केवल अंडरवियर और बनियान पहने हुए थे और चेहरों पर नकाब लगे हुए थे उन्हें 'कच्छा-बनियान गिरोह' की पहचान दिलाने के लिए पर्याप्त थी.
चार बदमाश घर की खिड़कियों को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तभी घर के सदस्य जाग गए और शोर मचाने लगे. खुद को घिरता देख बदमाशों ने परिवार पर पत्थर फेंके और मौके से भाग निकले. गनीमत यह रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन घटना ने पूरे मोहल्ले को दहशत में डाल दिया है.
सिरसी रोड पर भी दिखे गिरोह के दो संदिग्ध
इस घटना के कुछ ही घंटों बाद सिरसी रोड स्थित निरंजन विहार के पास एक शॉपिंग मॉल के बाहर दो संदिग्धों की गतिविधियां देखी गईं. वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में भी इन लोगों की फुटेज कैद हुई है, जो इनकी पहचान 'कच्छा-बनियान गिरोह' के सदस्यों के रूप में करती है. जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, बिंदायका थाने की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी.
इन दोनों मामलों के बीच कड़ी होने की संभावना जताई जा रही है, और पुलिस ने गिरोह की तलाश के लिए विशेष टीमों का गठन किया है. फिलहाल, किसी भी संदिग्ध की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, लेकिन फुटेज के आधार पर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है.
कौन है 'कच्छा-बनियान गिरोह'?
‘कच्छा-बनियान गिरोह’ कोई नया नाम नहीं है. यह गिरोह दशकों से भारत के विभिन्न राज्यों- खासकर उत्तर भारत, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में सक्रिय रहा है. इसका कार्यशैली बेहद सुनियोजित, हिंसक और डरावनी होती है.
मुख्य पहचान और कार्यशैली
अंडरवियर-बनियान में वारदात: बदमाश वारदात के समय केवल अंडरवियर और बनियान में होते हैं. यह न केवल पुलिस को भ्रमित करने का तरीका है, बल्कि उनका ट्रेडमार्क स्टाइल भी बन चुका है.
चेहरे पर नकाब: गिरोह के सदस्य अक्सर अपने चेहरों को पूरी तरह ढक कर रखते हैं, जिससे पहचान मुश्किल हो जाती है.
तेल मालिश: उनके शरीर पर भारी मात्रा में तेल लगाया जाता है, जिससे अगर भिड़ंत हो तो कोई उन्हें पकड़ न सके. तेल की चिकनाहट के कारण वे आसानी से हाथों से फिसल जाते हैं.
घातक हथियार: गिरोह देसी हथियारों के साथ आता है, जैसे कि लोहे के रॉड, हथौड़े, पेचकस, रस्सी आदि. विरोध का सामना होने पर ये जानलेवा हमले करने से नहीं चूकते.
पूर्व रेकी: ये लोग वारदात से पहले अपने लक्ष्य की बारीकी से रेकी करते हैं, यह जानने के लिए कि घर में कितने लोग हैं, किस समय सबसे कमजोर सुरक्षा होती है, और कौन-से रास्ते से प्रवेश करना सबसे आसान रहेगा.
पुलिस की चुनौतियां और जवाबी कार्रवाई
पुलिस विभाग इस गिरोह की सक्रियता को बेहद गंभीरता से ले रहा है. मुहाना और बिंदायका थानों की टीमों के अलावा जयपुर पुलिस की विशेष अपराध शाखा भी जांच में जुट गई है. सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच, शहर के संभावित ठिकानों पर छापेमारी, और मुखबिरों का नेटवर्क एक्टिवेट कर दिया गया है.
जयपुर कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “इस तरह के गिरोह पेशेवर और बहुत चालाक होते हैं. ये अक्सर एक स्थान पर एक ही बार हमला करते हैं और तुरंत लोकेशन बदल लेते हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द इनकी गतिविधियों को ट्रैक कर इन्हें गिरफ़्तार किया जाए.”
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