जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले पर विधानसभा में भावुक होकर अपनी पीड़ा जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि अब वह किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांगेंगे.
उमर अब्दुल्ला का बयान
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले पर विधानसभा में गहरी चिंता जताई और कहा कि यह हमला सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक—अरुणाचल से लेकर गुजरात, जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक—पूरा देश इसकी चपेट में है. उन्होंने कहा, “यह जम्मू-कश्मीर में पहला हमला नहीं है, लेकिन बीच में एक ऐसा वक्त आया था जब हमें लगा था कि आतंकवादी हमले हमारे अतीत का हिस्सा बन चुके हैं. मगर, 21 साल बाद पहलगाम में हुआ यह बड़ा हमला उन पुराने जख्मों को फिर से हरा कर गया.” उन्होंने आगे कहा, “इस हमले ने हालात को फिर से अनिश्चित बना दिया है—अब डर बना हुआ है कि अगला हमला कब और कहां होगा, कोई नहीं कह सकता.”
पीड़ित परिवारों के साथ हमदर्दी
उन्होंने कहा कि हमारी पीड़ित परिवारों के साथ हमदर्दी है. इस आतंकी हमले में लोगों ने अपनों को खोया. जिन लोगों ने ये किया, कहने के लिए तो ये हमारी भलाई के लिए किया, लेकिन क्या ये हमारी इजाजत से हुआ? हम में से कोई इसके साथ नहीं है. इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया. बहुत मुश्किल है इस हालात में वो रौशनी ढूंढ़ना, लेकिन पहली बार मैंने लोगों को इस हादसे से बाहर आते देखा है. उन्होंने आगे कहा कि लोग आज सड़क पर हैं, लोग पोस्टर, बैनर लिए खड़े हैं और लोग एकजुट हैं. हमारी तरफ से कोई ऐसा कदम नहीं उठना चाहिए, जो लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए. हम बंदुक को जरिए मिलिटेंसी को खत्म नहीं कर सकते हैं, लेकिन कम जरूर कर सकते हैं.
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