अमरनाथ यात्रा: सुरक्षा के लिए 58 हजार जवान तैनात, रास्ते पर पहली बार लगाए जाएंगे जैमर, देखें गाइडलाइन

    अमरनाथ यात्रा इस वर्ष पहले से कहीं अधिक सतर्कता और सुरक्षा प्रबंधों के बीच आयोजित की जाएगी.

    Jammers will be installed on the Amarnath Yatra route
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा इस वर्ष पहले से कहीं अधिक सतर्कता और सुरक्षा प्रबंधों के बीच आयोजित की जाएगी. 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलने वाली इस 38 दिवसीय यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ मिलकर व्यापक रणनीति तैयार की है.

    विशेष बात यह है कि पहली बार यात्रा मार्गों पर मोबाइल जैमर और एंटी-ड्रोन सुरक्षा तंत्र स्थापित किया जा रहा है, ताकि किसी भी आतंकवादी गतिविधि या ड्रोन हमले की आशंका को समय रहते निष्क्रिय किया जा सके. यह निर्णय 22 अप्रैल 2025 को बायसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई थी.

    सुरक्षा तैनाती: 58,000 से अधिक जवान

    यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए 581 कंपनियों में शामिल 58,000 जवानों की तैनाती की जा रही है. इसमें CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB जैसी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की यूनिट्स शामिल हैं.

    156 कंपनियां पहले से जम्मू-कश्मीर में कार्यरत थीं, जबकि शेष 425 कंपनियों की तैनाती 10 जून तक पूरी कर ली जाएगी. सुरक्षा के दृष्टिकोण से यात्रा मार्गों, हाईवे और संलग्न सड़कों को काफिलों के गुजरने के समय पूर्णतः सील किया जाएगा.

    ड्रोन, K9 यूनिट और बम निरोधक दस्ता सक्रिय

    • ड्रोन से हवाई निगरानी
    • K9 यूनिट्स विशेष रूप से विस्फोटक और संदिग्ध वस्तुओं की पहचान के लिए
    • बम निरोधक स्क्वॉड (BDS)
    • क्विक रिएक्शन टीमें (QAT)
    • रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) द्वारा दिन-रात मार्गों की जांच

    इन सभी व्यवस्थाओं को पहलगाम और बालटाल, दोनों प्रमुख मार्गों पर समान रूप से लागू किया जाएगा.

    आस्था, भक्ति और प्रकृति का संगम

    समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा हर वर्ष एक चमत्कारिक प्राकृतिक घटना का साक्षी बनती है. यहां बनने वाला हिमानी शिवलिंग, बर्फ के लगातार जमने से अपने आप निर्मित होता है. यह दुर्लभ प्रक्रिया गुफा की उत्तराभिमुख दिशा, ग्लेशियर पिघलने से गिरते जल, और 0°C से नीचे तापमान के कारण संभव होती है.

    यह शिवलिंग प्राकृतिक स्टेलैग्माइट संरचना का अद्भुत उदाहरण है और हिंदू आस्था में इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है.

    मार्ग और यात्रा विवरण

    1. पहलगाम मार्ग (3 दिन की यात्रा, अपेक्षाकृत सरल)

    पहलगाम → चंदनवाड़ी (16 किमी)

    चंदनवाड़ी → पिस्सू टॉप → शेषनाग (9 किमी)

    शेषनाग → पंचतरणी (14 किमी)

    पंचतरणी → अमरनाथ गुफा (6 किमी)

    यह मार्ग पर्यावरणीय सौंदर्य, हरियाली और समतल चढ़ाई** के कारण अधिक सुविधाजनक माना जाता है.

    2. बालटाल मार्ग (1 दिन की तीव्र यात्रा, कठिन ट्रेक)

    बालटाल → अमरनाथ गुफा (14 किमी)

    यह मार्ग समय की दृष्टि से कम, परंतु खड़ी चढ़ाई और संकरे मोड़ों के कारण अपेक्षाकृत चुनौतीपूर्ण है.

    तीर्थयात्रियों के लिए आवश्यक निर्देश

    यात्रा परमिट: मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, 4 पासपोर्ट साइज फोटो और RFID कार्ड अनिवार्य.

    शारीरिक तैयारी: रोज़ाना 4-5 किमी पैदल चलने का अभ्यास, योग और श्वसन अभ्यास जैसे प्राणायाम.

    जरूरी सामान: ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रेकिंग स्टिक, पानी की बोतल, प्राथमिक चिकित्सा किट, चलने में आरामदायक जूते.

    यात्रा ऐप: सरकार द्वारा जारी मोबाइल ऐप के माध्यम से मार्ग की स्थिति, मौसम और स्वास्थ्य सहायता की जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

    कोविड-19 के कारण 2020 और 2021 में यात्रा रद्द रही थी.

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