'देश में वक्फ बोर्ड को निरस्त किया जाए, जिससे धार्मिक संतुलन बना रहे', शंकराचार्य ज्ञानानंद तीर्थ जी महाराज

    डॉ. अभिषेक वर्मा (मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक – शिवसेना, एनडीए गठबंधन एवं चुनाव) के नई दिल्ली स्थित निवास पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ जी महाराज का पावन आगमन हुआ.

    Jagadguru Shankaracharya Swami Jnanananda Tirth Ji Maharaj
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    डॉ. अभिषेक वर्मा (मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक – शिवसेना, एनडीए गठबंधन एवं चुनाव) के नई दिल्ली स्थित निवास पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ जी महाराज का पावन आगमन हुआ. उनके दिव्य सान्निध्य से समूचा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित हो उठा.

    डॉ. वर्मा की पत्नी श्रीमती अंका वर्मा, पुत्र युवराज आदितेश्वर वर्मा एवं पुत्री कुमारी निकोल वर्मा को शंकराचार्य जी से विशेष आशीर्वाद प्राप्त हुए.

    इस अवसर पर सनातन धर्म की रक्षा एवं प्रसार को लेकर एक महत्वपूर्ण विचार-विमर्श आयोजित किया गया. वैदिक विधि से विशेष पूजा-अर्चना सम्पन्न हुई, जिसके उपरांत शंकराचार्य जी ने कहा, "डॉ. अभिषेक वर्मा जैसे राष्ट्रनिष्ठ एवं धर्मपरायण व्यक्तित्व जब आगे आकर सनातन धर्म की सेवा करते हैं, तो न केवल सनातन धर्म मजबूत होता है, बल्कि भारत के पुनः विश्वगुरु बनने का मार्ग भी प्रशस्त होता है."

    शंकराचार्य जी महाराज ने इस अवसर पर कुछ महत्वपूर्ण बातें बोलीं:

     • देश में वक्फ बोर्ड को निरस्त किया जाए, जिससे धार्मिक संतुलन बना रहे और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा जाए.
     • संस्कृत भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा दिया जाए, जिससे भारत की वैदिक परंपराओं एवं ज्ञान की पुनः स्थापना हो.
     • प्राचीन मंदिरों के संरक्षण एवं पुनर्निर्माण हेतु सरकार विशेष योजनाएँ बनाए, जिससे सनातन संस्कृति की धरोहर संरक्षित रहे.

    साथ ही उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए सभी वीर सैनिकों को शुभकामनाएँ दीं एवं उनकी वीरता की सराहना करते हुए कहा, "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी."

    डॉ. अभिषेक वर्मा ने इस अवसर पर कहा, "भारत सदैव से धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र रहा है. हमारी प्राचीन विरासत ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ और विश्व शांति का संदेश देती है. आज आवश्यकता है कि हम सब मिलकर इस धरोहर की रक्षा करें."

    उन्होंने केंद्र सरकार से ‘राष्ट्रीय सनातन बोर्ड’ के गठन की माँग की, जो देशभर में सनातन संस्कृति, परंपराओं एवं गौसंरक्षण के लिए एक प्रभावी ढांचा तैयार करे. उन्होंने गौवंश हत्या के लिए आजीवन कारावास का कानून लागू करने की भी वकालत की, जिससे सनातन मूल्यों की रक्षा सुनिश्चित हो सके.