भूमध्य सागर का नीला और शांत दिखने वाला पानी एक बार फिर त्रासदी का गवाह बन गया. इटली के लैम्पेदुसा द्वीप के पास प्रवासियों को ले जा रही एक नाव डूब गई, और देखते ही देखते सपनों का सफर मौत के सफर में बदल गया. इस हादसे ने न सिर्फ भूमध्य सागर की खतरनाक हकीकत को उजागर किया है, बल्कि एक बार फिर दुनिया को प्रवासियों की असुरक्षित यात्रा के दर्दनाक सच से रूबरू करा दिया है.
हादसे की पूरी कहानी
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, लगभग 100 प्रवासियों और शरणार्थियों को लेकर जा रही नाव लैम्पेदुसा द्वीप के पास पलट गई. घटना में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 35 लोग अब भी लापता हैं. करीब 60 लोगों को जीवित बचा लिया गया है. मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है.
संयुक्त राष्ट्र का बयान
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) फिलिपो ग्रांडी ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया. उन्होंने कहा कि यह घटना खतरनाक मध्य भूमध्यसागरीय प्रवास मार्ग पर एक और जानलेवा हादसा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि साल 2025 में अब तक 700 से अधिक शरणार्थी और प्रवासी इस मार्ग में अपनी जान गंवा चुके हैं. ग्रांडी ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी प्रवास मार्गों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
आंकड़े जो चौंका देते हैं
इटली में आईओएम के भूमध्य सागर समन्वय कार्यालय के अनुसार, 13 अगस्त 2025 तक भूमध्यसागरीय मार्गों पर कम से कम 962 प्रवासियों की मौत हो चुकी है. इनमें से 675 मौतें मध्य भूमध्य सागर में, 155 पश्चिमी मार्ग में और 132 पूर्वी मार्ग में दर्ज की गई हैं. यह आंकड़े इस संकट की भयावहता को बयां करते हैं.
बचाव दल की कोशिशें
यूएनएचसीआर की इटली टीम मलबे से बचे लोगों को जरूरी मदद मुहैया करा रही है. बचाए गए लोगों में कई गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है. वहीं, समुद्री सुरक्षा एजेंसियां लापता लोगों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर रही हैं.
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