एयर डिफेंस में इजरायल ने रचा इतिहास, आयरन बीम लेजर वेपन से रोके हवाई हमले, दुश्मनों की बढ़ेगी मुश्किल

    बहुस्तरीय संघर्षों और बढ़ते हवाई खतरों के बीच इजरायल ने अपनी रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई दी है.

    Israel stopped air attacks with iron beam laser weapon
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    तेल अवीव: बहुस्तरीय संघर्षों और बढ़ते हवाई खतरों के बीच इजरायल ने अपनी रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई दी है. अक्टूबर 2023 के बाद से हमास, हिज़बुल्लाह और यमन के हूती विद्रोहियों जैसे संगठनों से मिल रही लगातार चुनौतियों के बीच, इजरायल ने एक अभूतपूर्व तकनीकी छलांग लगाई है — ‘आयरन बीम’ लेजर वेपन सिस्टम.

    इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) के अनुसार, यह अत्याधुनिक लेजर तकनीक अब वास्तविक युद्ध परिदृश्यों में सफलतापूर्वक प्रयोग की जा चुकी है. सिस्टम ने हाल ही में कई हवाई खतरों को बेअसर कर अपनी प्रभावशीलता साबित की है.

    क्या है आयरन बीम?

    ‘आयरन बीम’ एक डायरेक्टेड-एनर्जी वेपन सिस्टम है जो उच्च-शक्ति लेजर बीम का उपयोग कर ड्रोन, मोर्टार, शॉर्ट-रेंज रॉकेट और अन्य हल्के हवाई खतरों को हवा में ही खत्म कर देता है. यह प्रणाली इजरायली डिफेंस टेक्नोलॉजी कंपनी ‘राफेल’ द्वारा विकसित की गई है, जो इससे पहले प्रसिद्ध ‘आयरन डोम’ इंटरसेप्टर सिस्टम का भी निर्माण कर चुकी है.

    इस लेजर सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह हर मौसम में कार्य करने में सक्षम है, चाहे धुंध हो, बारिश हो या कम दृश्यता वाले हालात. साथ ही इसकी मोबिलिटी और रेंज-एडजस्टमेंट क्षमताएं इसे अत्यधिक लचीला बनाती हैं.

    क्यों है यह सिस्टम गेम-चेंजर?

    पारंपरिक इंटरसेप्टर मिसाइलें जहां एक रॉकेट को रोकने में $50,000 से $100,000 तक खर्च करती हैं, वहीं लेजर आधारित ‘आयरन बीम’ प्रति शॉट मात्र कुछ डॉलर की लागत से यह काम कर सकता है. इसके चलते:

    • कम लागत में उच्च सुरक्षा
    • ड्रोन और रॉकेट के झुंडों से निपटने में अधिक सक्षम
    • अलर्ट समय और प्रतिक्रिया में तेजी
    • ईंधन और पुनः लोडिंग की आवश्यकता नहीं

    तकनीकी प्रदर्शन और सफल परीक्षण

    IDF ने फिलहाल इस सिस्टम की सटीक तैनाती लोकेशन साझा नहीं की है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि ‘आयरन बीम’ और इससे जुड़ी ‘लाइट बीम’ जैसी सिस्टर-टेक्नोलॉजीज़ मल्टीपल रियल-कॉम्बैट सिचुएशन्स में परीक्षण कर चुकी हैं. इन सिस्टम्स ने हवाई हमलों के दौरान उल्लेखनीय प्रभावशीलता दिखाई है.

    यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह तकनीक खासतौर से ड्रोन और कम दूरी की मोर्टार-गोलाबारी के खिलाफ बेहद प्रभावी है, हालांकि लंबी दूरी की मिसाइलों के लिए अब भी पारंपरिक इंटरसेप्टर सिस्टम पर निर्भरता बनी रहेगी.

    आने वाला समय: लेजर रक्षा का विस्तार

    इजरायली रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान एवं विकास निदेशालय के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल येहुदा एलमाकेस ने इस प्रणाली को “युद्ध के मैदान पर उच्च-शक्ति लेजर का पहला प्रभावी और सफल उपयोग” बताया है.

    पूर्व रक्षा तकनीकी प्रमुख डैनी गोल्ड का कहना है कि आने वाले समय में इजरायल की पूरी वायु रक्षा प्रणाली में लेजर हथियार प्रमुख भूमिका निभाएंगे. यह भविष्य में सिर्फ क्षेत्रीय खतरे नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय हवाई सुरक्षा के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है.

    सैन्य रणनीति में लेजर टेक्नोलॉजी की भूमिका

    तेजी से बदलते युद्ध-परिदृश्य और उभरते ‘ड्रोन वॉरफेयर’ के बीच, लेजर आधारित सिस्टम जैसे ‘आयरन बीम’ सैन्य रणनीति में नया आयाम जोड़ते हैं. ये पारंपरिक हथियारों की तुलना में:

    • साइलेंट ऑपरेशन
    • कोई विस्फोटक अवशेष नहीं
    • रियल-टाइम डिटेक्शन और न्यूट्रलाइजेशन
    • सतत उपयोग के लिए सक्षम

    इन पहलुओं के कारण इन्हें 21वीं सदी की युद्ध प्रणाली का मूल स्तंभ माना जा रहा है.

    2050 तक की योजना: व्यापक तैनाती

    IDF ने संकेत दिए हैं कि 2025 के अंत तक आयरन बीम की विस्तृत तैनाती की जाएगी. यह प्रणाली भविष्य में इजरायल की आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स के साथ मिलकर एक संयुक्त बहुस्तरीय रक्षा कवच तैयार करेगी.

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