इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष अब और भी हिंसक हो गया है. बीते दो वर्षों से जारी इस टकराव ने 16 मई 2025 को नया मोड़ ले लिया, जब इजरायल ने गाजा पट्टी में ‘ऑपरेशन गिदेऑन चैरिएट्स’ की शुरुआत की. इस सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य हमास की सैन्य शक्ति को नेस्तनाबूद करना और इजरायली नागरिकों को बंधनमुक्त कराना है.
क्या है ऑपरेशन ‘गिदेऑन चैरिएट्स’?
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अगुवाई में यह सैन्य अभियान हमास के खिलाफ अब तक का सबसे व्यापक हमला माना जा रहा है. इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने गाजा के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में ज़मीन और आकाश से जबरदस्त हमले किए हैं. अब तक इस अभियान में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1,000 से ज्यादा घायल हुए हैं.स इस ऑपरेशन में टैंक, तोपखाने और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इजरायल की रणनीति में राफा और खान यूनिस के बीच एक ‘सुरक्षा क्षेत्र’ तैयार करना शामिल है, जिससे बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता को आसान बनाया जा सके.
ऑपरेशन के पीछे की रणनीति
इस सैन्य अभियान का मुख्य उद्देश्य है. हमास के सैन्य और प्रशासनिक ढांचे को ध्वस्त करना. गाजा पर इजरायल की पकड़ मजबूत करना. बंधक बनाए गए 59 इजरायली नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करना, जिनमें से अब तक 35 की मौत हो चुकी है. इजरायली सेना ने गाजा में गहराई तक जमीनी अभियान छेड़ दिया है, जिससे हमास को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
गाजा की बिगड़ती स्थिति और अंतरराष्ट्रीय चिंता
इस सैन्य कार्रवाई के चलते गाजा में मानवीय संकट और गहरा गया है. संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक संगठनों ने नागरिकों की सुरक्षा, राहत सामग्री की आपूर्ति और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता की मांग की है. 14,000 से अधिक नवजात शिशु भुखमरी के कगार पर हैं. इजरायली सेना ने गाजा के यूनिस शहर को खाली करने का आदेश दिया है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य टीमें मैदान में हैं, लेकिन संसाधन सीमित हैं वहीं, इजरायल ने आरोप लगाया है कि हमास राहत सामग्री का दुरुपयोग कर रहा है, जिससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं.
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