खामेनेई की मौत से ही थमेगा इजरायल-ईरान युद्ध? बेंजामिन नेतन्याहू के ऐलान से अमेरिका को भी लगा झटका

    इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में अमेरिकी चैनल एबीसी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में एक बेहद भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मार दिया जाए, तो यह संघर्ष वहीं समाप्त हो सकता है.

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    नेतन्याहू | Photo: ANI

    मध्य-पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज़ पर खड़ा है. इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव अब खुली जंग में तब्दील हो चुका है. दोनों देशों के बीच मिसाइलों और ड्रोन हमलों का आदान-प्रदान जारी है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हैं.

    इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में अमेरिकी चैनल एबीसी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में एक बेहद भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मार दिया जाए, तो यह संघर्ष वहीं समाप्त हो सकता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि “इससे हालात और नहीं बिगड़ेंगे, बल्कि युद्ध का अंत होगा.” जब उनसे पूछा गया कि क्या इज़रायल खामेनेई को निशाना बनाने की योजना बना रहा है, तो नेतन्याहू का जवाब था, “हम वही कर रहे हैं जो ज़रूरी है.”

    इज़रायल के प्रमुख शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला

    इज़रायल का दावा है कि शुक्रवार से अब तक ईरान ने उस पर 370 से अधिक मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं, जिनकी वजह से अब तक 24 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 500 से ज्यादा घायल हैं. इसके जवाब में इज़रायल ने 13 जून की सुबह "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" नामक सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु, सैन्य और मिसाइल ढांचों को निशाना बनाना है.

    जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इज़रायल के प्रमुख शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर दिया. राजधानी तेल अवीव और औद्योगिक शहर पेटा टिकवा में जोरदार विस्फोट हुए. इन विस्फोटों से आसमान में काले धुएं के गुबार छा गए और नागरिकों में दहशत फैल गई.

    पेटा टिकवा में एक इमारत पर हुए हमले के बाद घटनास्थल पर पहुंचे इज़रायली पुलिस प्रवक्ता डीन एल्सडन ने कहा, “हमारे नागरिकों को साफ़ तौर पर निशाना बनाया जा रहा है.” ‘मैगन डेविड एडोम’ (एमडीए) आपात सेवा के अनुसार, मध्य इज़रायल में चार अलग-अलग हमलों में पांच लोगों की मौत हुई है, जबकि 87 अन्य घायल हुए हैं. कई लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है.

    इज़रायली हमलों में ईरान के कई सरकारी भवन को भी नुकसान

    एमडीए के एक पैरामेडिक डॉ. गैल रोसेन ने बताया कि एक क्षतिग्रस्त इमारत से उन्होंने चार दिन के एक शिशु को बचाया. उन्होंने कहा, “जब हम वहां पहुंचे, तो हर तरफ़ तबाही का मंजर था.”

    ईरान की तरफ़ से बयान आया है कि अगर इज़रायल अपने हमले रोक देता है, तो ईरान भी जवाबी हमले बंद कर देगा. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने यह चेतावनी भी दी कि यदि हमले जारी रहते हैं, तो भविष्य में कार्रवाई “और भी ज़्यादा सटीक, व्यापक और विध्वंसक” होगी.

    इज़रायली हमलों में ईरान के कई सरकारी भवन, तेल शोधन संयंत्र और सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा है. ईरानी मीडिया ने पुष्टि की है कि इन हमलों में रिवोल्यूशनरी गार्ड के खुफिया प्रमुख की मौत हो गई है. ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 1,277 लोग घायल हुए हैं, लेकिन यह नहीं बताया गया कि इनमें कितने नागरिक हैं.

    इस बीच, वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ ने ईरान द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मौतों की संख्या 400 से ज्यादा हो सकती है, जिनमें लगभग 197 आम नागरिक हैं. एक अन्य चौंकाने वाली खबर यह रही कि ईरान ने सोमवार को एक डॉक्टर, इस्माइल फेकरी को फांसी दे दी, जिस पर आरोप था कि उसने इज़रायली खुफिया एजेंसी मोसाद को संवेदनशील जानकारी दी थी.

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