गाजा में जारी संघर्ष को लेकर एक बार फिर शांति की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है. हाल ही में इजरायल की ओर से आए युद्धविराम प्रस्ताव को हमास ने खारिज कर दिया है. इस प्रस्ताव में गाजा के सभी हथियारबंद समूहों से हथियार डालने की मांग की गई थी, जिसे हमास ने ‘सरेंडर’ की संज्ञा दी और सिरे से नकार दिया.
हमास का तीखा पलटवार
हमास के वरिष्ठ अधिकारी सामी अबू जुहरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनका संगठन जनता की पीड़ा को कम करने के लिए बातचीत को तैयार है, लेकिन इजरायल की मौजूदा शर्तें ‘अस्वीकार्य’ हैं. उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वे शांति प्रयासों को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं.
अबू जुहरी ने कहा, “हम सभी बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार हैं — चाहे वे जीवित हों या मृत — लेकिन यह तभी संभव होगा जब युद्ध को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए और इजरायली सेना गाजा से वापस लौटे.”
इजरायल का प्रस्ताव और अमेरिकी समर्थन
इजरायल की ओर से दिए गए प्रस्ताव में 45 दिनों के युद्धविराम की बात की गई थी, जिसके दौरान सभी बंधकों को रिहा किया जाना था. इसके बदले में इजरायल गाजा में मानवीय सहायता और खाद्य आपूर्ति की अनुमति देने को तैयार था. हालांकि, हमास ने इसे एकतरफा और आत्मसमर्पण जैसा करार दिया.
वहीं, अमेरिका ने भी इजरायल को बड़ी मात्रा में हथियार सहायता दी है, जिससे आने वाले दिनों में इजरायल की सैन्य कार्रवाई और तेज होने की आशंका है.
इजरायल के भीतर भी विरोध के स्वर
दिलचस्प बात यह है कि खुद इजरायल के भीतर से भी अब युद्ध को खत्म करने की आवाज़ें उठने लगी हैं. मोसाद की खुफिया एजेंसी के 250 से अधिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार से अपील की है कि गाजा में युद्ध को तुरंत समाप्त किया जाए.
इजरायल के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता कान टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस पत्र पर मोसाद के तीन पूर्व प्रमुखों – डैनी याटोम, एफ्रेम हेलेवी और तामीर पार्डो – के साथ-साथ कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं.
पूर्व खुफिया अधिकारियों ने चेतावनी दी, “यह लगातार चल रहा युद्ध न सिर्फ बंधकों, बल्कि हमारे सैनिकों के जीवन को भी जोखिम में डाल रहा है. सरकार को अब एक साहसी और जिम्मेदार निर्णय लेने की ज़रूरत है, ताकि इस संकट का समाधान निकल सके.”
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