जब आसमान में बारूद की गंध घुल जाए, धरती बमों से थर्रा उठे और इंसानियत की चीखें गूंजने लगें, तो समझ लीजिए कि जंग अपने चरम पर है. कुछ ऐसा ही मंजर इन दिनों गाजा में देखने को मिल रहा है, जहां इजरायल और हमास के बीच का संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर आ पहुंचा है.
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने अपने ताज़ा बयान में ऐसा कुछ कहा है, जिससे इस बात की आशंका और भी गहराती जा रही है कि अब गाजा में विनाश का दौर और तेज़ होने वाला है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अगर हमास ने इजरायल की शर्तें नहीं मानीं, तो गाजा को ऐसी तबाही का सामना करना पड़ेगा जिसे दुनिया “जहन्नुम के दरवाजे खुलना” कहेगी.
चेतावनी नहीं, आखिरी अल्टीमेटम है: इजरायल
दुनिया को चौंकाते हुए इजरायल के रक्षा मंत्री का यह बयान सामने आया कि यदि हमास ने सीजफायर की शर्तें नहीं मानीं, तो उसके खिलाफ पूरी ताकत से सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी. यह बयान सिर्फ धमकी नहीं, बल्कि एक सीधा अल्टीमेटम है.
इजरायल की सबसे प्रमुख मांग है- बंधकों की रिहाई और हमास का हथियार डालना. अगर ये शर्तें नहीं मानी गईं, तो इजरायली सेना यानी IDF (Israeli Defense Forces) का अभियान रुकने वाला नहीं है. रक्षा मंत्री ने कहा है कि अगर हालात नहीं बदले, तो हमास का "पूरी तरह सफाया" कर दिया जाएगा.
यह बयान दर्शाता है कि अब इजरायल कोई समझौता करने के मूड में नहीं है. उन्होंने हमास के खिलाफ एक ऐसे युद्ध की बात कही है, जो पूरे गाजा को खाक में बदल सकता है.
गाजा पर नियंत्रण की ओर बढ़ती इजरायली सेना
जब बयान शब्दों से निकलकर धरातल पर उतरते हैं, तब उनका असर साफ दिखता है. इजरायली सेना ने अपने ताजा बयान में कहा है कि IDF अब गाजा शहर के करीब 40% हिस्से पर नियंत्रण कर चुकी है. इसका मतलब है कि अब इजरायल, गाजा के कोने-कोने में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने को तैयार है.
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में IDF गाजा शहर के पूरे हिस्से को अपने नियंत्रण में लेने की योजना पर काम कर रही है. यह वही गाजा है जो सालों से संघर्ष, मौत और बर्बादी का गवाह बनता आया है, और अब एक बार फिर विनाश की दहलीज पर खड़ा है.
हमास के ठिकानों पर हमला, सुरंग भी नष्ट
IDF ने पुष्टि की है कि 5 सितंबर 2025 को उन्होंने गाजा शहर की एक ऊंची इमारत पर हमला किया, जिसे हमास के ऑपरेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. लेकिन इस इमारत की सबसे खतरनाक बात यह थी कि इसके नीचे एक गुप्त सुरंग बनाई गई थी, जिससे आतंकवादी आसानी से भाग सकते थे.
इजरायली सेना ने इस सुरंग को भी पूरी तरह से तबाह कर दिया है. यह इस बात का संकेत है कि इजरायल अब हमास की हर उस रणनीति को खत्म करने में लगा है, जिससे वह छिपकर हमला कर सकता है या भाग सकता है.
गाजा की जनता की पीड़ा और पुकार
इस पूरे घटनाक्रम का सबसे दुखद पहलू यह है कि इस संघर्ष की सबसे बड़ी कीमत गाजा की आम जनता चुका रही है. हर बम के साथ किसी मासूम का घर उजड़ता है, हर हमले के बाद कोई बच्चा अनाथ होता है. अस्पतालों में जगह नहीं, खाने-पीने की चीजों की भारी कमी है और जिंदगी एक लंबी सजा बन गई है.
राजनीतिक जिद और हथियारों की होड़ के बीच इंसानियत दम तोड़ती नजर आ रही है. गाजा की गलियों में न तो सुकून है, न ही उम्मीद. वहां बस बारूद की गंध है और मातम की आवाजें हैं.
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