किसी का सगा नहीं पाकिस्तान, अमेरिका पहुंचे मुनीर ने ईरान के खिलाफ कर डाली डील

    Iran and Israel War: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक मुलाकात ने वैश्विक राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की वाइट हाउस में हुई बैठक तय समय से दोगुनी करीब दो घंटे तक चली.

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    Iran and Israel War: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक मुलाकात ने वैश्विक राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की वाइट हाउस में हुई बैठक तय समय से दोगुनी करीब दो घंटे तक चली. इस बातचीत में ईरान-इजरायल युद्ध, भारत-पाकिस्तान तनाव, व्यापार, आतंकवाद निरोध और रक्षा सहयोग जैसे कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई.

    सबसे बड़ा और चौंकाने वाला फैसला यह रहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका को ईरान पर संभावित सैन्य कार्रवाई के लिए अपने एयरबेस और हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. इस्लामिक दुनिया में खुद को एक प्रमुख मुस्लिम राष्ट्र के रूप में स्थापित करने वाला पाकिस्तान अब एक अन्य मुस्लिम देश—ईरान के खिलाफ अमेरिका की रणनीतिक योजना का हिस्सा बन चुका है.

    “पाकिस्तान ईरान को अच्छी तरह जानता है”

    बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “पाकिस्तान ईरान की जमीनी हकीकत को अच्छी तरह समझता है. वहाँ जो कुछ हो रहा है, उससे पाकिस्तान नाखुश है.” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व का ईरान के साथ लम्बा अनुभव है और यही वजह है कि अमेरिका ने इस जटिल परिस्थिति में पाकिस्तान से सहयोग मांगा है.

    ट्रंप ने फील्ड मार्शल मुनीर की तारीफ करते हुए यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते परमाणु तनाव को नियंत्रण में रखने में अहम भूमिका निभाई. “दो परिपक्व नेताओं नरेंद्र मोदी और असीम मुनीर  ने उस संघर्ष को युद्ध में तब्दील नहीं होने दिया, जो परमाणु तबाही का रूप ले सकता था,” ट्रंप ने कहा.

    रणनीतिक मोर्चे पर अमेरिका-पाक निकटता

    भारत की खुफिया एजेंसियों और विदेश नीति विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका की पाकिस्तान से यह निकटता पूरी तरह रणनीतिक है. अमेरिका फिलहाल ईरान के खिलाफ एक संभावित सैन्य अभियान की तैयारी में है, और इस योजना के लिए उसे पाकिस्तान के हवाई मार्ग और आधारभूत सैन्य ढांचे की सख्त जरूरत है.

    सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात पारंपरिक कूटनीतिक प्रक्रियाओं के तहत नहीं हुई, बल्कि इसमें कुछ प्रभावशाली अमेरिकी कारोबारी, राजनीतिक लॉबी समूह और रिपब्लिकन सलाहकारों की बड़ी भूमिका रही. इस मुलाकात में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक भी मुनीर के साथ उपस्थित थे.

    तकनीक और व्यापार में सहयोग की नई संभावनाएं

    इस बैठक में रक्षा और कूटनीति के साथ-साथ आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया गया. क्रिप्टोकरेंसी, ऊर्जा, खनिज संसाधन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उभरती तकनीकों में आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति बनी. ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ दीर्घकालिक व्यापारिक साझेदारी की रुचि जताई, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जो अमेरिका के रणनीतिक हितों को साधते हैं. बैठक के अंत में फील्ड मार्शल मुनीर ने राष्ट्रपति ट्रंप को पाकिस्तान दौरे का औपचारिक निमंत्रण भी दिया, जिसे ट्रंप ने “सम्मानपूर्वक स्वीकार” किया.

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