इजरायली हमले में 15000 सेंट्रीफ्यूज तबाह, ईरान का परमाणु बम बनाने का सपना टूटा! कितना हुआ नुकसान?

    मिडिल ईस्ट में जारी जंग ने ईरान के दशकों पुराने परमाणु कार्यक्रम को जबरदस्त झटका दे दिया है.

    Irans dream of making a nuclear bomb is shattered
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    तेहरान/यरूशलम: मिडिल ईस्ट में जारी जंग ने ईरान के दशकों पुराने परमाणु कार्यक्रम को जबरदस्त झटका दे दिया है. इजरायल के सटीक और घातक हवाई हमले में ईरान का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट ‘नतांज’ बुरी तरह तबाह हो गया है. इस हमले में करीब 15,000 सेंट्रीफ्यूज मशीनें या तो पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं या भारी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.

    परमाणु हथियार बनाने की ईरान की महत्वाकांक्षा पर यह अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है.

    IAEA ने दी हमले की पुष्टि

    अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने इस हमले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा, "हमारे शुरुआती आकलन के मुताबिक नतांज प्लांट में बिजली कटने से अधिकांश सेंट्रीफ्यूज या तो नष्ट हो गए हैं या बुरी तरह डैमेज हो गए हैं."

    बीबीसी को दिए इंटरव्यू में ग्रॉसी ने बताया कि भले ही संयंत्र के मुख्य ढांचे को सीधा नुकसान नहीं पहुंचा हो, लेकिन वहां लगे सेंट्रीफ्यूज- जो यूरेनियम संवर्धन की सबसे अहम मशीनें हैं, अब शायद दोबारा उपयोग लायक न बचें.

    क्यों नतांज प्लांट बना इजरायल का निशाना?

    • नतांज प्लांट ईरान का परमाणु कार्यक्रम का दिल माना जाता है.
    • यहां यूरेनियम संवर्धन की गतिविधियां बड़े पैमाने पर होती हैं.
    • प्लांट को जमीन के नीचे गहराई में बनाया गया है ताकि यह सैन्य हमलों से सुरक्षित रह सके.
    • लेकिन इजरायल ने बिजली सप्लाई को निशाना बनाकर पूरी व्यवस्था को झटका दे दिया.

    बिजली कटने से कैसे हुआ इतना बड़ा नुकसान?

    • IAEA के मुताबिक नतांज में लगी सेंट्रीफ्यूज मशीनें अत्यधिक तेज गति से घूमती हैं और बेहद नाजुक संतुलन पर काम करती हैं.
    • बिजली का अचानक कटना इन मशीनों के लिए घातक साबित होता है.

    राफेल ग्रॉसी ने कहा, "बिजली रुकते ही सेंट्रीफ्यूज का संतुलन बिगड़ जाता है और वे खुद ब खुद नष्ट हो सकती हैं."

    इतनी बड़ी संख्या में मशीनों का एक साथ खराब होना ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वर्षों पीछे धकेल सकता है.

    रेडिएशन और रासायनिक खतरा भी!

    • ग्रॉसी ने IAEA बोर्ड को बताया कि इस हमले के बाद प्लांट के भीतर रेडियोलॉजिकल और रासायनिक खतरे भी पैदा हो गए हैं.
    • अगर यूरेनियम का कण किसी कर्मचारी ने सांस के जरिये अंदर ले लिया या निगल लिया, तो यह गंभीर रेडिएशन बीमारी का कारण बन सकता है.

    हालांकि, प्लांट के अंदर सुरक्षा के पर्याप्त उपाय बताए गए हैं जिससे बड़ी तबाही फिलहाल टली मानी जा रही है.

    इजरायल का संदेश: 'परमाणु हथियार भूल जाओ'

    इजरायल की ओर से इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जानकार मानते हैं कि यह इजरायल का साफ संदेश है- "परमाणु हथियार बनाने की कोशिश का अंजाम यही होगा."

    बीते कुछ सालों से इजरायल बार-बार यह चेतावनी देता आ रहा है कि वह ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार विकसित नहीं करने देगा.

    ईरान का पलटवार संभव?

    • ईरान के लिए यह हमला सिर्फ सैन्य नुकसान नहीं है, बल्कि यह उसकी रणनीतिक प्रतिष्ठा पर भी करारा वार है.
    • तेहरान सरकार ने हमले को 'आतंकवादी कार्रवाई' करार दिया है और बदला लेने की धमकी दी है.
    • इस समय इजरायल और ईरान के बीच जंग अपने सबसे खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है.

    लेकिन सवाल यह है कि क्या ईरान के पास अब पर्याप्त क्षमता बची है कि वह जल्द ही अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से खड़ा कर सके?

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