48 घंटों के अंदर ईरान पर होगा हमला! खामेनई के यूरेनियम को इजरायल ने ढूंढ निकाला? अटैक का ब्लूप्रिंट तैयार

    क्या अगले 48 घंटों के भीतर इज़राइल ईरान पर हमला कर सकता है?

    Iran will be attacked within 48 hours Israel found Khamenei uranium
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का हाल ही में हुआ अमेरिकी दौरा कई बड़े सवालों और संभावनाओं को जन्म दे रहा है. उनके इस दौरे के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि ईरान पर हमले का दूसरा दौर शुरू हो सकता है. खासकर यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या अगले 48 घंटों के भीतर इज़राइल ईरान पर हमला कर सकता है.

    नेतन्याहू का अमेरिकी दौरा

    बेंजामिन नेतन्याहू जब अमेरिका गए थे, तो यह साफ था कि उनका मुख्य उद्देश्य ईरान के खिलाफ एक और हमले की अनुमति प्राप्त करना था. अब जबकि उनका दौरा समाप्त होने वाला है, यह माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें हरी झंडी दे दी है. इस बात के संकेत पिछले कुछ दिनों में हुई आपात बैठकों से भी मिलते हैं, जो ट्रंप और नेतन्याहू के बीच ईरान पर हमले की रणनीति पर केंद्रित थीं.

    ट्रंप और नेतन्याहू के बीच दो बार आपात बैठकें हुईं, और बाद में नेतन्याहू ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से मुलाकात की. यह घटनाक्रम ठीक उसी तरह से हुआ जैसा पिछली बार ईरान पर हमले से पहले हुआ था. नेतन्याहू की वापसी के बाद, यह संभावना जताई जा रही है कि इज़राइल ईरान के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू कर सकता है.

    इजराइली हमले की दिशा में नया कदम

    नेतन्याहू ने वाशिंगटन में खुद कहा था कि उन्हें पता है कि ईरान ने अपने संवर्धित यूरेनियम को कहां छिपा रखा है. यह यूरेनियम अब एक बड़ी समस्या बन चुका है, जिसे इज़राइल और अमेरिका दोनों ही खत्म करना चाहते हैं. नेतन्याहू ने यह भी कहा कि ईरान ने अपने एटमी मिशन को इज़राइल के लिए एक बड़ा खतरा बना दिया है और उसे खत्म करने की आवश्यकता है.

    पिछले कुछ महीनों में इज़राइल ने यह दावा किया था कि उसने ईरान के संवर्धित यूरेनियम के छिपे हुए स्थान का पता लगा लिया है. यह स्टोरेज सेंटर ईरान के पिकएक्स माउंटेन में स्थित है, जो नतांज न्यूक्लियर साइट के पास है. इस अंडरग्राउंड सेंटर में 408 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम छिपा रखा गया है.

    इज़राइल का ऑपरेशन: दूसरा चरण

    यदि इज़राइल को सचमुच ईरान के इस संवर्धित यूरेनियम के बारे में जानकारी हो गई है, तो सवाल यह उठता है कि इसे खत्म करने के लिए इज़राइल क्या कदम उठाएगा. इस स्टोरेज सेंटर को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए दुनिया में कोई ऐसी मिसाइल या बम नहीं है जो इतनी गहराई तक जा सके. पिछली बार जब इज़राइल ने हमला किया था, तो अमेरिका ने भी इस अंडरग्राउंड सेंटर को नष्ट करने की कोशिश नहीं की थी.

    अब सवाल यह है कि क्या इज़राइल सीधा इस सेंटर पर हमला करेगा या फिर कुछ और सैन्य रणनीति अपनाएगा. यदि हमले का दूसरा चरण शुरू होता है, तो यह शायद ईरान के एटमी ठिकानों पर घातक ऑपरेशन हो सकता है.

    पलटवार की तैयारी

    ईरान भी इस हमले के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रहा है. ईरान के जनरल अपनी तैनाती की जगह बदल रहे हैं और ईरान की सेना अमेरिका और इज़राइल के संभावित हमले के लिए तैयार हो रही है. इसके अलावा, ईरान चीन और रूस से हथियारों की खेप भी मंगवा रहा है, जिसमें एयर डिफेंस सिस्टम और लंबी दूरी की मिसाइलें शामिल हैं.

    चीन ने हाल ही में ईरान को 40 J-10 लड़ाकू विमान की दूसरी खेप दी है, जिससे ईरान के पास अब और भी शक्तिशाली हथियार हैं. ईरान का दावा है कि अगर इज़राइल ने हमला किया, तो इस बार उनका पलटवार पहले से ज्यादा ताकतवर और निर्णायक होगा.

    अंतरराष्ट्रीय चिंताएं और खतरा

    इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने हाल ही में एक बयान में कहा कि हालांकि ईरान के पास एटमी हथियारों के होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन यह खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. ग्रॉसी के अनुसार, ईरान अब इतनी क्षमता तक पहुंच चुका है कि वह बहुत जल्द परमाणु परीक्षण कर सकता है.

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