अब अमेरिका में होंगे आतंकवादी हमले? परमाणु ठिकानों पर हमले को लेकर ईरान ने दी थी चेतावनी; समझें मायने

    Israel Iran War: पश्चिम एशिया में हालिया घटनाएं एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की आहट दे रही हैं. ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है, और अब यह बात सामने आ रही है कि ईरान ने G7 शिखर सम्मेलन के दौरान ही वॉशिंगटन को चेतावनी दी थी कि अगर उसके परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया, तो अमेरिका की सरज़मीं पर हमले कराए जा सकते हैं.

    Iran will activate sleeper cells in america threat to america before attack
    अमेरिका में होंगे आतंकवादी हमले?

    Israel Iran War: पश्चिम एशिया में हालिया घटनाएं एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की आहट दे रही हैं. ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है, और अब यह बात सामने आ रही है कि ईरान ने G7 शिखर सम्मेलन के दौरान ही वॉशिंगटन को चेतावनी दी थी कि अगर उसके परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया, तो अमेरिका की सरज़मीं पर हमले कराए जा सकते हैं. एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने अमेरिका को यह संदेश भेजा कि अगर वाशिंगटन ने उसके परमाणु कार्यक्रम पर हमले किए, तो वह अपने स्लीपर सेल्स को अमेरिका में सक्रिय कर देगा. इस संदेश के बावजूद, रविवार को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बमों से हमला कर दिया.

    'परमाणु केंद्र तबाह कर दिए गए'

    हमलों के तुरंत बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए दावा किया कि ईरान के मुख्य परमाणु केंद्र “पूरी तरह से नष्ट” कर दिए गए हैं. ट्रंप प्रशासन के अनुसार, यह कार्रवाई “एक आवश्यक सैन्य जवाब” था. हालांकि ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका ईरान के साथ कूटनीतिक बातचीत के लिए दरवाज़ा खुला रखना चाहता है. अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बयान दिया, हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन यदि हमारी सेना पर कोई हमला होता है, तो जवाब ज़रूर दिया जाएगा.

    ईरान ने दी तीखी प्रतिक्रिया, रूस से मदद लेने की तैयारी

    ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने अमेरिका पर तीखा हमला बोला और कहा कि कूटनीति की गुंजाइश अब खत्म हो चुकी है. तुर्किये में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, कल रात अमेरिका ने जो किया, वह सीधा युद्ध भड़काने की कोशिश है. उन्होंने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ा, बल्कि हमारे आत्मरक्षा के अधिकार को भी ललकारा है. अरागची ने यह भी बताया कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आपातकालीन वार्ता के लिए मॉस्को रवाना हो रहे हैं. उनका कहना था कि अब अमेरिका और इज़रायल मिलकर क्षेत्रीय युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं और ईरान अपनी रणनीति बदलने को मजबूर है.

    तनाव की दिशा किस ओर?

    इस पूरे घटनाक्रम ने वैश्विक समुदाय की चिंता को बढ़ा दिया है. जहां अमेरिका और इज़रायल सैन्य कार्रवाई को "सुरक्षा की ज़रूरत" बता रहे हैं, वहीं ईरान इसे "संप्रभुता पर हमला" मान रहा है. आने वाले दिनों में यदि हालात नियंत्रित नहीं हुए, तो यह टकराव एक बड़े भू-राजनीतिक संकट में तब्दील हो सकता है.

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